थिएटर फेस्ट के चौथे दिन मानवीय संवेदनाओं का सजीव खाका प्रस्तुत कर गया संबोधन

बरेली। थिएटर अड्डा में रंगालय एकेडमी ऑफ आर्ट एंड कल्चर सोसाइटी द्वारा आयोजित 15 दिवसीय थिएटर फेस्ट के चौथे दिन संदेश सांस्कृतिक संस्था फ़िरोज़ाबाद ने नाटक संबोधन का मंचन किया।

सुनील राज द्वारा लिखित नाटक रिश्तो की परतों को उधेड़कर मानवीय संवेदनाओं का सजीव खाका प्रस्तुत करता है।

नाटक का कथानक बस इतना सा है कि नाटक के पात्र राजेश्वर और श्रद्धा दोनो ने प्रेम विवाह किया और फिर शुरू होती है रिश्तो की कशमकश, जो दोनों के बीच एक शून्यता बनती है। वो शून्यता इतना विकराल रूप ले लेती है कि दोनों जुदा हो जाते है। फिर नाटक में दोनों की बेटी बीच मे रिश्तो को नई राह दिखाती है। वर्तमान और भूतकाल के बीच विचरण करता नाटक दर्शको को अपनी ही कहानी लगने लगता है।
निर्देशक की सूझबूझ ओर लेखक की कलम का जादू ऐसा चलता है दर्शक पात्रो की जगह खुद को महसूस करने लगते है।

नाटक अंत मे यही संदेश सम्प्रेषित करता है कि हर इंसान की अपनी शिकायते है जो अपने अनुसार ठीक है।

इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ शिव शंकर एरन, डॉ. विनोद पागरानी, सुभाष कथूरिया ने दीप प्रज्वलित कर किया।

कल पांचवे दिन दिल्ली की दर्पण नाट्य संस्था नाटक द लास्ट स्टोरी का मंचन करेगी।

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