बरेली/फतेहगंज पश्चिमी। क्षेत्र के गांव ठिरिया खेतल के जंगल में शनिवार सुबह नदी के पास अपने खेत पर गए पूर्व प्रधान रामप्रसाद वर्मा ने गन्ने के खेत मे तेंदुए को देखा। तेंदुए के डर से उन्हें पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई। सूचना पर तमाम ग्रामीण खेत पर पहुंचे और पूर्व प्रधान को पेड़ से नीचे उतारकर गांव में पहुंचाया। तेदुआ दिखने से गांव में दहशत का माहौल है। रबर फैक्ट्री के जंगल मे मौजूद बाघिन को वन विभाग की टीम अब तक पकड़ नही पाई है। इसी बीच क्षेत्र मे तेंदूए की चहलकदमी से ग्रामीण दहशत में आ गए हैं। क्षेत्र के गांव ठिरिया खेतल के पूर्व प्रधान राम प्नसाद ने बताया कि वह शनिवार सुबह करीब सात बजे गांव से 100 मीटर दूर नदी पर अपने खेत देखने गए थे। उनके गेहूं के खेत के पास गन्ने के खेत में किसी जानवर की चहलकदमी होने पर जोर से आवाज देते हुए गन्ने में डंडा फेंक दिया। डंडा गिरने की हलचल से गन्ने के खेत में मौजूद तेंदुआ बाहर आ गया। तेंदुआ को देखकर उनके होश उड़ गए। भागने लगे लेकिन पीछे तेंदुआ को आता देख पापुलर के पेड़ पर चढ़कर जान बचाई। तेंदुआ लौट तो गया लेकिन वह डर के कारण पेड़ के नीचे नही उतरे। बटाईदार मैजुद्दीन को फोन किया तो वह तमाम ग्रामीणों को लेकर जंगल मे पहुंचे और रामप्रसाद को पेड़ से नीचे उतारकर घर लाए। बाद मे ग्रामीणों ने तेन्दुए की काफी देर तक तलाश की। लेकिन वह नही मिला। नदी के किनारे कटरी में जाते समय उसके पगचिन्ह देखने का दावा ग्रामीणों ने जरूर किया। रेंजर संतोष कुमार नें सूचना नही मिलने की बात कही है। बोले- अखबार की सूचना पर तेंदुए के पगचिन्ह देखने टीम भेजी जायेगी। तीन महीने पहले भी तेंदुआ देखा गया था। उधर पिछले कई महीने से रबर फैक्ट्री के जंगल मे घूम रही बाघिन की लोकेशन रबर, कोयला, न्यू प्लांट में लगे कैमरों में देखी गयी है। सटीक लोकेशन मिलने पर डीएफओ भरतलाल ने जल्द पकड़ने का दावा किया है। करीब दस महीने से रबर फैक्ट्री के जंगल मे चहलकदमी कर रही बाघिन को पकड़ने के लिए टीम पड़ाव डाली हुई है। इसके वावजूद बाघिन चकमा दे रही है। 49 कैमरे और आधे दर्जन पिजड़े और खुले में बांधे गए शिकार के बाबजूद बाघिन पकड़ से बहार है। जिससे बन विभाग की टीम ही नही बल्कि अफसर भी परेशान है।।
बरेली से कपिल यादव