बरेली। 300 बेड कोविड अस्पताल में कोरोना को लेकर सभी लापरवाह दिख रहे हैं। रोज ही यहां सैकड़ों की संख्या में लोग अपनी कोरोना संक्रमण की जांच कराने आते है। जिस कारण यहां कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा बना रहता है। उसकी बाद भी कर्मचारी व जांच कराने वाले लोग लापरवाही बरत रहे है। इसके साथ ही कोविड-19 की गाइड लाइन का भी पालन नहीं कर रहे है। पर्चा बनाने वाले से लेकर बंदियों की जांच कराने आए पुलिस कर्मचारी भी लापरवाही से मुंह पर मास्क तक नहीं लगा रहे है जबकि गाइडलाइन में मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग को ही कोरोना के खिलाफ जंग में अहम हथियार माना जा रहा है। 300 बेड कोविड अस्पताल जल्दी शुरू होने वाला है। कोरोना संक्रमित को भर्ती करने के लिए एल वन चालू किया गया। जिसमें संक्रमितो का इलाज किया जा रहा है। इस अस्पताल में ओपीडी के बाहर पर्चा बनाने वाला कर्मचारी बगैर मास्क कोरोना संक्रमण की जांच कराने आ रहे लोगों का पर्चा बना रहा है। साथ ही पुलिस वाले पकड़े गए आरोपी को बगैर मास्क लगाए ही जांच को ले जा रहे है। यह बहुत ही बड़ी लापरवाही है।
कोरोना बार्ड में भी नहीं सुरक्षा के इंतजाम
अस्पताल में कोरोना संक्रमितो का इलाज किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के कारण अक्सर मरीज तनाव में आ जाता है। जिस कारण वह आत्मघाती कदम उठा लेता है। बीते दिनों भोजीपुरा के कोविड अस्पताल में भर्ती एक सपा नेता में कूदकर जान देने का प्रयास किया था। उसके बाद वहां से निकलकर उसने भोजीपुरा पुल से छलांग लगा दी थी। वही एल वन कोविड अस्पताल में एक मरीज अपने आप को कमरे में बंद कर चुका है। साथ ही यहां से बच्चा कैदी भी फरार हो चुका है। उसके बाद भी अस्पताल में लापरवाही का आलम देखने को मिलता है अस्पताल की फर्स्ट फ्लोर से झांकता कोरोना संक्रमित इसकी एक बानगी है। खिड़की भी खुली है। वहीं सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर भी कोई इंतजाम नहीं है।।
बरेली से कपिल यादव