बरेली। परचम कुशाई से तीन रोजा उर्स-ए-रजवी का आगाज रविवार को गया। 105 वां उर्स-ए-रजवी पर बारिश के बीच भी शहर की सड़कों पर अकीदत का जनसैलाब देखने को मिला। अकीदतमंदों ने आला हजरत की दरगाह पर चादर व गुलपोशी की। परचम जुलूस मे उलेमा, शोहरा, मुरीद, रजाकार और दरगाह से जुड़े संगठनों के खिदमतगारों ने शिरकत की। उर्स को लेकर पुलिस व प्रशासन भी मुस्तैद रहा। दरगाह मीडिया प्रभारी नासिर कुरैशी ने बताया कि इस्लामियां ग्राउंड के मुख्य गेट पर रजवी परचम लहराते ही विधिवत उर्स का आगाज हो गया। दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हानी मियां ने सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां, सय्यद आसिफ मियां और उलेमा की मौजूदगी मे ठीक शाम साढ़े पांच बजे परचम कुशाई की रस्म अदा कर दी। इससे पहले आजमनगर स्थित हाजी अल्लाह बख्श के निवास पर फातिहाख्वानी हुई। लंगर के बाद परचमी जुलूस सज्जादानशीन की कयादत मे शुरू होकर कुमार टाकीज, इंदिरा मार्केट होते हुए बिहारीपुर के ढाल के रास्ते दरगाह पहुंचा। यहां सलामी देने के बाद जुलूस दरगाह से दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियां की कयादत मे वापिस इस्लामिया मैदान पहुंचा। उर्स स्थल इस्लामियां गेट पर रजवी परचम लहराकर उर्स का आगाज किया। आखिर में मुल्क व मिल्लत की खुशहाली के लिए दुआ की।।
बरेली से कपिल यादव