*वर्षो की टूटी परम्परा शासन-प्रशासन के ढील मूल रवैये के चलते बदला यज्ञ स्थल भक्तो में छायी मायूसी
*वरुणा तट पर होता था महायज्ञ विवाद के आशंका के वजह से बदलना पड़ा यज्ञ स्थल नही मिली सुरक्षा ब्यवस्था प्रशासन के लापरवाही का यह प्रमाण दिखा रहा वैष्णवी महायज्ञ
वाराणसी/जंसा- सेवापुरी विकासखंड के रैसीपुर सत्तनपुर स्थित श्री रामराज महाराज वरुणांचल समेकित विद्यालय के प्रांगण में जनकल्याण हेतु तीन दिवसीय वैश्णवी महायज्ञ का शुभारंभ सात ब्राह्मणों के वैदिक मंत्रोच्चारण के द्वारा प्रारंभ हुआ महायज्ञ लगभग 200 वर्षों पूर्व से होते चला आ रहा है इसका सफल संचालन बड़ागांव सगुनहा निवासी श्री राम महाराज के कर कमलों द्वारा शुभारंभ हुआ था लगभग 70 वर्ष पूर्व इस यज्ञ का संचालन रैसीपुर निवासी रामसुमेर पटेल ने किया था जो वर्तमान समय में इसका देख रहे श्री राम राज महाराज कर रहे हैं आचार्य पंडित अखिलेश त्रिपाठी द्वारा बताया गया कि इस तरह का वैष्णवी महायज्ञ क्षेत्र के जन कल्याण वशांति हेतु किया जाता है यह महायज्ञ सुबह 8:00 बजे से प्रारंभ होकर शाम लगभग 5:00 बजे तक चलता है जिसमें प्रतिदिन पाँच से सात हजार की भीड़ रहती है आज इस यज्ञ में 4000 हजार भक्तो ने यज्ञ स्थल का परिक्रमा किये।वहीं कार्यक्रम प्रभारी शिव मोहन पटेल ने बताया हर वर्ष यह महायज्ञ वरुणा तट पर स्थित राम जानकी मंदिर के प्रांगण में होती थी लेकिन इस बार आयोजन के पहले कुछ शरारती तत्व मारपीट करने के साथ मन्दिर के मुख्य गेट पर लगा शिलापट्ट तोड़कर फेंक दिए जिससे हिंसा बढ़ने की संभावना देखी गयी।कार्यक्रम को शांति पूर्ण ढंग से कराने के लिए हमने एसओ जंसा,सीओ सदर,उपजिलाधिकारी, जिलाधिकारी सहित सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक भी सुरक्षा ब्यवस्था हेतु पत्रक के माध्यम से माँग किया लेकिन सम्बन्धित अधिकारियों के तरफ से कोई क्रिया प्रतिक्रिया नही आयी जिसको देखते हुए हम लोगो ने सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया कि जब हम शासन प्रशासन से कोई सुरक्षा ब्यवस्था मुहैया नही हुई तो यज्ञ के दौरान अगर शरारती तत्व बवाल किये तो हिंसा बढ़ सकती है कोई सुरक्षा के लिए नही आयेगा तो हम लोग इस यज्ञ को अपने विद्यालय के प्रांगण में प्रारम्भ करा दिया जिससे शांति बनी रहे।लेकिन यह दुःख की बात है कि जहाँ वर्षो से यज्ञ होते चली आ रही आज वहाँ यज्ञ नही हो रही है जिसके लिए हम शासन-प्रशासन को दोषी ढहराते है क्योंकि पत्रक देने के बाद भी कोई सन्तोष जनक जवाब इस धर्म के कार्य महायज्ञ के लिए नही मिली।इस अवसर पर आचार्य पण्डित अखिलेश त्रिपाठी,पण्डित कमलेश,ऋषभ,लालमोहन,शमशेर बहादुर,रमेश,कलावती,मनीषा,उर्मिला,कमला,मन्नो,रीना,शिवकुमारी,जयप्रकाश,मल्लू,श्यामसुंदर,मुकेश इत्यादि लोग उपस्थित रहे।
रिपोर्टर-:एस के श्रीवास्तव विकास वाराणसी