आजमगढ़ : तमसा नदी की सफाई के लिए तमाम अभियान चले और उस पर काम भी हुए लेकिन मूर्तियों के विसर्जन की तैयारी के मामले में प्रशासन के रवैये पर सवाल खड़ा हो गया। दीपावली के त्यौहार की चकाचौंध में प्रशासन ने आँखें मूँद लीं और दर्जनों प्रतिमाओं का शुक्रवार की रात में घंटों विसर्जन होता रहा। प्रशासन के आँख मूँद लेने से सामाजिक कार्यकर्ताओं में भी खासा रोष था कि घंटों वह प्रतिदिन साफ़ सफाई को लेकर मेहनत करते हैं लेकिन पर्शासन ने सब कुछ जानते हुए भी लापरवाही बरती और विसर्जन को लेकर कोइ ठोस रणनीति नहीं तैयार की गयी। जिलाधिकारी के मार्गदर्शन में नरौली पुल के पश्चिम दुर्गा मंदिर तक तमसा सफाई, स्वच्छता एवं पौधारोपण महा अभियान का आज 161 दिनों से तमसा परिवार द्वारा खुले में शौच जैसी सामाजिक कुप्रथा को समाप्त करने हेतु जनजागरूकता अभियान तथा स्वच्छता एवं सफाई के प्रति अविस्मरणीय योगदान देकर लोगो को जागरूक किया। महा अभियान में तमसा परिवार के प्रवीण कुमार सिंह, अरविंद चित्रांश, शाहिद, नित्यानंद मिश्रा, शैलेश कुमार, संजय निषाद, संदीप शर्मा, सीपी यादव, गुलाब चौरसिया नरौली पुल पर तमसा सफाई, स्वच्छता एवं पौधारोपण महाअभियान में उपस्थित रहे। 11 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से तमसा पौधारोपण एवं स्वच्छता अभियान नरौली पुल से पूर्व तिरंगा झंडा के तरफ से चलेगा।
रिपोर्ट-:राकेश वर्मा आजमगढ़