डॉक्टर ने फर्जी नियुक्ति पत्र थमाकर ठगे 10 लाख, एडीजी के आदेश पर पिता-पुत्र पर मुकदमा दर्ज

बरेली। सूदनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य मे तैनात रहे डॉक्टर और उसके बेटे ने दो युवकों की बेसिक हेल्थ वर्कर (बीएचडब्ल्यू) के पद पर फर्जी नियुक्ति कराकर 10 लाख रुपये ठग लिए। दोनों को फर्जी नियुक्ति पत्र देकर तीन महीने काम कराया। वेतन न मिलने पर दोनों को ठगी का एहसास हुआ। एडीजी पीसी मीना के आदेश पर कोतवाली पुलिस ने डॉक्टर पिता-पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। जनपद बुलंदशहर के थाना अहमदगढ़ के खुदादिया निवासी राजकुमार ने तीन दिन पहले एडीजी को दिए शिकायती पत्र मे बताया कि 2019 मे लखनऊ निवासी राजन श्रीवास्तव से उनकी बरेली मे मुलाकात हुई। राजन ने गोपनीय अनुभाग लखनऊ कार्यालय महानिदेशक चिकित्सा एवं परिवार विभाग का एक पत्र दिखाया। राजन ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सूदनपुर मे तैनात डॉ. वीनेन्द्र नाथ चौधरी की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में उच्च अधिकारियों से पहचान होने की बात कहते हुए उन्हें बीएचडब्ल्यू के पद पर विभाग में नियुक्ति कराने को कहा। राजन की बातों में आकर उन्होंने डॉ. वीनेन्द्रनाथ के बेटे राहुल से संपर्क किया। राहुल उन्हें सूदनपुर ले जाकर डॉक्टर पिता डॉ. वीनेन्द्रनाथ से मुलाकात कराई। जहां पर डॉक्टर ने पांच-पांच लाख रुपये प्रति व्यक्ति से लेकर बीएचडब्ल्यू के पद पर नियुक्ति कराने का झांसा दिया। आरोप है कि राजकुमार ने अपना और साले आकाश कुमार की नियुक्ति के लिए डॉक्टर और उसके बेटे राहुल को दस लाख रुपये दिए। 28 फरवरी को डॉक्टर ने उन्हें जिला अस्पताल बुलाया। जहां उसे फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया। जिस पर सीएमओ के फर्जी हस्ताक्षर थे। परिचय पत्र देकर सूदनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मे दोनों से तीन महीने ड्यूटी कराई। वेतन न मिलने पर ठगी की जानकारी हुई। उन्होंने रुपये वापस मांगे तो आरोपियों ने उन्हें धमकाया। पीड़ित के अनुसार इस संबंध में पूर्व में संबंधित थाना पुलिस से शिकायत की गई मगर सुनवाई नही हुई।।

बरेली से कपिल यादव

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