डैम के उद्धार के नाम पर जिम्मेदारों के पास नहीं है योजना

मध्यप्रदेश/शाजापुर – अपने पानी से सैकड़ों किसानों को उन्नत किसान बनाने वाला और हजारों शहरवासियों के कंठ तर करने वाला चीलर बांध (प्रताप बांध) आज अपने निर्माण के ५० वर्ष पूर्णकर चुका है। इन पचास सालों में बांध से सिंचाई करने वाली कृषि भूमि का रकबा दो गुना बढ़ चुका है। जनसंख्या बढऩे से पेजयल के लिए भी डैम से अधिक पानी जाने लगा। शहरवासियों के लिए जीवनदायिनी बना हुआ है। लेकिन प्रशासन स्तर पर चीलर बांध के विकास के लिए कोई कार्य नहीं किया गया। बांध में पानी की आवक बढ़ाने के लिए चीलर-लखुंदर लिंक परियोजना अधर में अटकी हुई है। डैम का गहरीकरण भी नहीं किया गया। चीलर बांध पर पर्यटन बढ़ाने के लिए कोई विशेष कार्य नहीं हुए।
शाजापुर जिला मुख्यालय से ४ किमी दूर ग्राम सांपखेड़ा के समीप बने चीलर बांध का निर्माण स्थानीय विधायक प्रतापभाई आर्य ने कराया था। बांध की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 1960 में मिली थी। बांध निर्माण के लिए १८७.१४ लाख रुपए स्वीकृत हुए थे। 1967 में डैम बनकर तैयार हुआ। इसका शुभारंभ सिंचाई मंत्री ब्रिजलाल वर्मा ने किया।

– गौरव व्यास, शाजापुर

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