बरेली। नगर निगम द्वारा डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से बनाई गई अमृत वाटिका देखरेख के अभाव मे बर्बादी की कगार पर पहुंच गई है। पानी न मिलने से पौधे सूख चुके है और निर्माण कार्यों में भी अनियमितताएं सामने आई है। शुक्रवार को मेयर डॉ. उमेश गौतम ने नगर निगम अधिकारियों के साथ स्थल का निरीक्षण किया और लापरवाही को लेकर नाराजगी जताई। उन्होंने ठेकेदार का भुगतान रोकने और उसे ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश दिए। वाटिका में लगाए गए पेड़-पौधों को पानी नहीं दिया गया, जिससे हरियाली सूख गई। वाटिका में रैंप पर लगी टाइल्स का निर्माण मानकों के अनुसार नहीं पाया गया। सिंचाई के लिए अस्थायी रबर पाइपों का उपयोग किया जा रहा था जो टिकाऊ नही है। स्थल पर व्यवस्थाओं की कमी देखकर मेयर ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। नगर निगम ने 80 वार्डों से मिट्टी लाकर इस वाटिका में पौधे रोपित किए थे। लेकिन समय पर देखभाल न होने के कारण पौधे सूख चुके हैं। निरीक्षण के दौरान मुख्य अभियंता मनीष अवस्थी, एक्सईएन एसके राठी, सहायक अभियंता मुकेश शाक्य और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।।
बरेली से कपिल यादव