*बिगड़ गया रसोई का माहौल, जबसे, सरसों तेल में आई महंगाई की उबाल
बिंदकी/ फतेहपुर – जहानाबाद क्षेत्र की अन्य बाजारों सहित प्रदेश में पिछले तीन दिनों के भीतर ही दाम 30 -40 रुपए लीटर तक तेल में तेजाई आ गई हैं। फुटकर बाजार में 180 से 190 रुपए लीटर अब सरसों का तेल 190 रुपए लीटर की कीमत में मिल रहा है। त्योहारी सीजन में सरसों का तेल महंगा होने के कारण आमजन की परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं। तेल-तिलहन के दामों पर सरकार अभी तक नियंत्रण करने की कोशिशें फेल होती दिख रही हैं। तेल कारोबारियों की मानें तो जल्द ही सरसों का तेल 200 रुपए लीटर को पार करने वाला है। शहर में तेलों की रोजाना की खपत लगभग 100 टन बतलाई जा रही है। तेल 09 सितंबर से 12 सितंबर तक सरसों तेल 160 रुपए 190 रुपए पंहुचा। वही सोयाबीन तेल 150 से 165 रुपए, मूंगफली तेल 180 से 190 रुपए प्रति लीटर कच्ची घानी में बढ़ोत्तरी हुई है। जुलाई में 150 से 160 रुपए कड़वा तेल का भाव था। सरसों तेल में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जिससे रसोई के स्वाद में कमी आने लगी है। जुलाई माह से अब तक 40 रुपए प्रति लीटर तक की तेजी आ चुकी है। सरसों का तेल अपने स्थिर दामों से अधिकतम स्तर के दामों पर पहुंचता जा रहा है जो जल्द ही इसके 200 रुपए लीटर को भी पार करने वाला है। सरसों तेल के थोक टिन (15 किलो) के दाम 2550 से 2600 रुपए है जो सप्ताह भर में ही ये 200 रुपए टिन तेज हो चुका है। फसल की कमी और विदेशी बाजार में तेजी से सरसों का तेल लगातार महंगा हो रहा है। हालांकि त्योहारी सीजन में दाम बढऩे से बिक्री पर भी बड़ा असर पड़ रहा है। आगे आने वाले त्योहार नवरात्रि, दशहरा, दीपावली मे ये कड़वा तेल दोहरा शतक पार कर जाएगा। वही लोगो का कथन हैं कि तुम लोग डीजल व पेट्रोल की कीमत को ताकते रहो, बाजी कड़वा तेल मार कर ले जाने वाला है।