बरेली। जिले भर की आशा व संगिनी कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट को घेर लिया है। आशा कार्यकर्ता डीएम कार्यालय के बाहर धरने पर बैठी हैं। जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई है। आक्रोशित आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि एक एक आशा का 50 50 हजार रूपए बकाया है लेकिन अधिकारी उनकी बात नहीं सुन रहे है। कई बार धरना प्रदर्शन करने पर भी सुनवाई नही हुई है इसलिए मजबूरी में धरना शुरू किया है। बता दें आशा कार्यकर्ता गर्मी मे हाथ वाला पंखा लेकर धरने पर बैठी है। आशा संगिनी की जिलाध्यक्ष लक्ष्मी देवी ने बताया कि आशा संगिनी के विगत वर्ष के सभी प्रोग्राम सहित 3 से 4 माह का भुगतान लंबित है। कोबिड का 12 हजार का बजट होने के बावजूद भी भुगतान नही हो रहा है इसको लेकर भी मुख्य चिकित्सा अधिकारी को अवगत कराया लेकिन समस्या का समाधान नही हुआ। आशा संगिनी आर्थिक रूप से तंगी से जूझ रही है और भुखमरी की कगार पर है। बही आशा कार्यकर्ता की जिलाध्यक्ष रामश्री गंगवार ने बताया कि आशाओं का परिवार भुखमरी से जूझते हुए भी हम आशा और संगिनी लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को समाज तक पहुंचाने का कार्य कर रहे है परंतु स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण आशा और संगिनी का पैसा अटका हुआ है। उनका कहना है कि एक एक आशा का 50 50 हजार रूपए बकाया है। संगिनी के मोबाइल का रिचार्ज का भुगतान एक-एक साल हो जाता है लेकिन भुगतान नही किया जाता। सीएमओ से मुलाकात के बाद धरने को स्थगित किया जा रहा है। अधिकारीयों द्वारा शनिवार तक का समय दिया गया है यदि शनिवार तक भुगतान नही किया जाता है तो संगठन प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगा उन्होंने मांग की है कि हमारे सभी भुगतान नियमित रूप से किए जाएं। प्रदर्शन के दौरान रामश्री गंगवार, लक्ष्मी देवी, मंजू गंगवार, सीमा नाज, संतोषी, भगवती गंगवार, मैराज बी, जसोदा गंगवार, मधु, पूनम, अनीता गोस्वामी, फूलमती देवी, राजेश्वरी देवी, मीना साहू, देवकी आदि सैकड़ों आशा और संगिनी मौजूद रही।।
बरेली से कपिल यादव