ठप है डाकघरों में आधार कार्ड का काम, छिन रहे लोगों के अधिकार

बरेली। केंद्र सरकार द्वारा आधार कार्ड बनाने त्रुटि सही करने व पता बदलवाने का काम डाकघरों को सौंपा गया है। डाकघरों में एक माह से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी आधार कार्ड बनाने का काम शुरू नहीं हो सका है। जिससे आधार कार्ड बनवाने व त्रुटि ठीक कराने आए लोगों को बैरंग लौटना पड़ रहा है। जिससे जनता के आधार कार्ड में परिवर्तन न होने की वजह से अधिकार छिन रहे हैं। केंद्र सरकार द्वारा आधार कार्ड बनाने व पता बदलवाने का जिम्मा डाकघरों को सौंपा गया है। मुख्य डाकघर सहित राधेश्याम एनक्लेव, सिटी पोस्ट ऑफिस, नगर निगम, बरेली कॉलेज, बिहारीपुर व देहात क्षेत्र के उप डाकघरों सहित कई उप डाकघरों में आधार कार्ड बनाने व त्रुटि ठीक कराने के लिए केंद्र सरकार ने लाखों रुपए खर्च करके कंप्यूटर लगवाए थे जो ऑपरेटर की कमी की वजह से शोपीस बने हुए हैं। केंद्र सरकार के निर्देश पर एक माह पहले मुख्य डाकघर में भी आधार कार्ड बनाने का काम शुरू किया गया था। जिसमें लगभग 350 सौ लोगों के आधार कार्ड बनने व उसमें पता परिवर्तन व नाम में त्रुटि का समाधान कराया गया। जिसके लिए निर्धारित शुल्क 50 रुपये भी लिया गया जो 5 दिन तक सुचारू रूप से गति पकड़ता रहा। जिसकी वजह से रोज आधार कार्ड बनवाने वालों की भीड़ बढ़ने लगी। जिस को नियंत्रित करने के लिए मुख्य डाकघर से रोज पच्चीस पच्चीस फार्म वितरित किए जाने लगे। आधार कार्ड बनवाने के लिए दूरदराज से भी काफी लोग फार्म लेने आने लगे। लोगों के भीड़ व कर्मचारियों की कमी की को देखते हुए आधार बनाने वाले कर्मचारी को दूसरी सीट पर लगा दिया। जिससे आधार कार्ड बनाने का काम पूरी तरह ठप हो गया। मुख्य डाकघर में आधार कार्ड बनवाने के लिए फार्म को लेने सुबह से लोग लाइन में आकर लग जाते हैं। जब कार्यालय खुलता है तब उन्हें बता दिया जाता है कि कंप्यूटर में तकनीकी कमी की वजह से काम नहीं कर रहा है। जिसकी वजह से आधार कार्ड बनाने का कार्य तीन चार बार दिन बाद शुरू होगा।
उप डाकघरों में नहीं है कर्मचारी
सिविल लाइंस स्थित राधेश्याम एनक्लेव के उप डाकघर में एक लिपिक व सहायक की तैनाती विभाग द्वारा की गई थी। आधार कार्ड बनाने के लिए वहां कंप्यूटर एक मेज पर सजा दिया गया। जिस पर दो साल के भीतर 16 आधार कार्ड में नाम परिवर्तन किया गया। 5 माह पहले सहायक का प्रमोशन होने के बाद उसकी तैनाती अब डाकघर में कर दी गई। अब डाकघर में केवल एक ही लिपिक तैनात है। जिसकी सुबह मुख्य डाकघर से जरूरी सामान को लाना होता है। जिसकी वजह से कार्यालय भी विलंब से खुलता है। उनका कहना है कि अकेला व्यक्ति क्या क्या करें, आर डी जमा करें, सेविंग जमा करें, स्पीड पोस्ट करें, रजिस्ट्री करें। ऐसा ही हाल फतेहगंज पश्चिमी के उप डाकघर का है। जिसमें 2 साल में 15 आधार कार्ड में नाम परिवर्तन किया गया। डाकघर में 2 कर्मचारी हैं फिर भी आधार कार्ड में परिवर्तन के नाम पर मशीन में तकनीकी खराब का कारण बता दिया जाता है। जिससे लोगों को बैरंग लौटना पड़ता है।।

कार्यालय में स्टाफ की कमी होने की वजह से जरूरी काउंटरों पर कर्मचारियों को लगा दिया गया है। कर्मचारी मिलते ही आधार कार्ड बनाने व त्रुटि सुधार का काम शुरू करा दिया जाएगा।।
– एस के त्रिवेदी सीनियर पोस्टमास्टर

बरेली से कपिल यादव

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *