- जिले में 10 फरवरी से होने वाला है आइडीए कार्यक्रम
- डोज पोल के तहत खिलाई जाएगी दवा
- नाइट ब्लड सर्वे से फाइलेरिया प्रसार दर का लगाया जाएगा पता
वैशाली/बिहार- जिले में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम 10 फरवरी से निर्धारित है, जिसमें ट्रिपल ड्रग थेरेपी (आइवरमेक्टिन, डीईसी और अलवेंडाजोल)के तहत लोगों को दवा खिलाई जाएगी। इन दवाओं का मेल एमडीए (सर्वजन दवा सेवन ) के ड्यूल ड्रग थेरेपी (सिर्फ डीईसी और अलवेंडाजोल) से ज्यादा कारगर है। ऐसे प्रमाण मिले हैं कि लगातार तीन साल आइडीए के तहत दवाओं के सेवन से फाइलेरिया के परजीवी काफी हद तक निष्क्रिय हो जाते हैं। इससे फाइलेरिया रोग के होने की संभावना नहीं होती। ये बातें मंगलवार को जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ एसपी सिंह कह रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से प्रत्येक साल फाइलेरिया उन्मूलन के लिए सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम किया जाता है। फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति अपंग हो जाता है। आम तौर पर इसे हांथीपांव भी कहते हैं।
डोज पोल के तहत खिलाई जाएगी दवा:
डॉ एसपी सिंह ने कहा कि ट्रिपल ड्रग थेरेपी के तहत दी जाने वाल दवाओं को एक डोज पोल के अनुसार खिलाया जाएगा। इसका अर्थ यह है कि दवाओं की मात्रा व्यक्ति की उंचाई और उम्र के अनुसार होगी। दवा खिलाने की न्यूनतम उम्र पांच वर्ष और अधिकतम की कोई सीमा नहंी है। इसके अलावा गंभीर रोगी, स्तनपान कराने वाली महिला (चिकित्सकीय परामर्श के बाद लिया जा सकता है) को यह दवा नहीं खानी है। इसकेी सबसे बड़ी बात होगी कि यह दवा आशा या दवा देने वालों के सामने ही लोगों को खाना होगा।
शहरी क्षेत्र में 4 जगहों पर होगा नाइट ब्लड सर्वे:
डॉ एसपी सिंह ने बताया कि आइडीए के पहले शहरी क्षेत्र के चार स्पॉटों पर नाइट ब्लड सर्वे के तहत ब्लड के नमूने लिए जाएगें। इसमें दो स्थायी और दो अस्थायी साइट होगें। इसके अलावा प्रत्येक प्रखंड में दो जगहों पर एनबीएस के तहत ब्लड सैंपल लिए जाएगें।
– बिहार से नसीम रब्बानी