मीरगंज, बरेली। झोलाछाप डॉक्टरों के इलाज से आए दिन कोई न कोई मरीज मौत के मुंह में जा रहा है। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग उन पर अंकुश लगाने में नाकाम है। विभाग के पास ऐसे डॉक्टरों की अनुमानित संख्या तक नहीं है। ऐसे में कार्रवाई तो दूर, उनकी पहचान करने में ही काफी वक्त लग सकता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि झोलाछाप डॉक्टरों की संख्या घटने के बजाए दिनों दिन बढ़ रही है। जिले के कस्बा मीरगंज के गांव कुच्छा खुर्द एक झोलाछाप डॉक्टर अपनी दुकान चलाता है। इस डॉक्टर की लापरवाही से गांव में छह दिन के भीतर तीन लोगों की मौत होने से ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों ने आरोपी झोलाछाप के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग से कार्यवाही की मांग की है। मीरगंज के गांव कुल्छा खुर्द गांव के रहने वाले राधेश्याम की पत्नी कमला देवी की मंगलवार की बीती रात हालत बिगड़ने पर परिजनों ने उन्हें गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर को दिखाया। मामूली बुखार होने पर इलाज में लापरवाही के कारण कमला देवी की मौत हो गई। गांव में ही नहीं शहर में इस तरह के झोलाछाप डॉक्टर फल-फूल रहे हैं स्वास्थ्य विभाग आंखें मूंद कर बैठा है। ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ अभी तक स्वास्थ्य विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया है। इस गांव में इससे पहले इस झोलाछाप की लापरवाही से नन्ही देवी व छोटेलाल की भी मौत हो चुकी है। यह तीन मौतें 6 दिन के भीतर ही हुई है लेकिन अभी तक इस पर किसी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं हुई है। जिसको लेकर गांव के लोग स्वास्थ्य विभाग से काफी नाराज हैं।
झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कार्यवाही के लिए टीम बना रखी है। शिकायत आने पर झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ विनीत कुमार शुक्ल सीएमओ बरेली
बरेली से कपिल यादव