बरेली। शहर के त्रिवटीनाथ मंदिर मे चल रही भागवत कथा के चौथे दिन कथा में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने पुराणों मे वर्णन किये गए कई प्रसंग सुनाए और लोगों को ज्ञान भक्ति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि माता पिता, गुरु, भगवान और राष्ट्र की निंदा करने वाला महापापी होता है। इनकी निंदा करना और सुनना दोनों पाप होते है। भगवान की भक्ति करने वाले में अहंकार नहीं आता है क्योंकि भगवान का आहार ही अहंकार है इसलिए उसे अहंकार नहीं आता है। चंद्रमा मन के देवता है और सूर्य ज्ञान के देवता हैं। अगर मन को जीतना है तो चंद्रमा की पूजा करें और ज्ञान की प्राप्ति करनी है तो सूर्य की पूजा करें और उन्हें प्रसन्न करें। कथा मे गुरुजी ने भक्त प्रहलाद की कथा सुनाई। जिसमें उन्होंने बताया कि भगवान अपने भक्त की रक्षा करते हैं। जबकि हिरण्यकश्यप ने उनकी मौत के लिए तमाम तरीके अपनाए लेकिन हर बार भगवान भक्त प्रहलाद को बचा लेते थे। भगवान खंभे से प्रकट हुए यह घटना देखकर सब डर गए। भक्त प्रहलाद ने भगवान की स्तुति की उसके बाद भगवान शांत हुए। भगवान श्रीराम का कथा से जुड़े कुछ अंश सुनाए। भगवान श्री कृष्ण की कथा भी गुरुजी ने सुनाई उन्होंने बताया कि कंस अपनी बहिन को बहुत स्नेह करता था इसलिए वह अपनी बहिन देवकी को लेकर जा रहे थे इसी बीच भविष्यवाणी हुई जिस बहिन को लेकर जा रहा है उसी की आठवीं संतान कंस तेरा काल होगी। भगवान श्री राम का जन्म दिन मे बारह बजे हुआ और भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात बारह बजे हुआ। कथा में कैबिनेट मंत्री बेबी रानी मौर्य, कैंट विधायक संजीव अग्रवाल, अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की अध्यक्षा श्रुति गंगवार के अलावा कई गणमान्य लोग भी शामिल हुए और कथा का श्रवण कर गुरुजी का आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा के मुख्य यजमान पुनीत अग्रवाल और अंकित शुक्ला थे। कथा के दौरान आयोजन समिति से जुड़े डॉ अनिल शर्मा, डॉ उमेश गौतम, राजेश मिश्रा पप्पू भरतौल, विक्की भरतौल, सुनील यादव, पुनीत अग्रवाल, लाल बाबा, धीरज पांडेय, प्रवीण गोयल, अंकित शुक्ला, रोहित राकेश समेत भारी संख्या में श्रोता मौजूद रहे और कथा को सुनकर भावविभोर हो उठे।।
बरेली से कपिल यादव