राजस्थान/बाड़मेर – बाड़मेर जिले में आजकल अपराधियों के हौसले हो रहे परस्त,लगभग दो दशकों से फरार राजस्थान के हार्डकोर बदमाश पर जोधपुर रेन्ज पुलिस का कडाई से प्रहार, अपराधी की पत्नी का पीछा कर पकड़ा तस्कर पति को,”ऑपरेशन मोना” अभियान चलाकर मादक पदार्थों के लिए कुख्यात तस्कर को पकड़ा। अपराधियों की काली दुनिया में मशहूर जसराज जाट को बाड़मेर शहर के बलदेव नगर से पुलिस की स्पेशल टीम ने धरदबोचा,बीस वर्षों से आले दर्जे का कुख्यात बदमाश हैं जसराज, ये पाच नाम से जाना जा रहा था अपराधियों के बीच में,इन नामो से जसराज,जसिया ,जसू ,जस्सी,जसाराम थे। जसराज के खिलाफ 2005 में पहला मादक पदार्थ तस्करी का मुकदमा हुआ था दर्ज ,उसके बाद से दर्जनों मुकदमे दर्ज हुए। पुलिस रिकॉर्ड अनुसार तीन जगहों से वांछित था बदमाश राजसमंद,जोधपुर रेंज और पाली रेंज का था इनामी बदमाश जसराज,तीन बार पुलिस पर फायर करके भागने में कामयाब रहा था।
रेंज पूरे में बदमाश जसराज का बड़ा तस्करी का नेटवर्क हुआ स्थापित, पुलिसकर्मियों ने किरायेदार बनकर की घर की रेकी करने के साथ ही चलाया विशेष अभियान और अपराधियों को धर पकड़े।जोधपुर रेंज आईजी विकास कुमार ने आज प्रेस कांफ्रेंस में किया बदमाशों की कार्यशैली का खुलासा।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राज्य में पुलिस की किरकिरी होने के साथ ही दबग पुलिस अधिकारियों को अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के लिए दिशा निर्देश दिए और सौ दिवस टारगेट पूरा करने का चेलेंज दिया जिसे भारतीय पुलिस सेवा के विकास कुमार ने स्वीकार किया और परिणाम जोधपुर सम्भाग में आपके सामने है। इसमें कोई अतिश्योक्ति नहीं है धरातल पर अपराधियों में भय व्यापत है और अपनी जान की सुरक्षा के लिए अपराधी हाथ पाव मार रहे हैं लेकिन इनके शरणगाह भी पुलिस पर दबाव बनाने में आजकल असफल रहे।
राजस्थान सरकार ने चुनावों से पहले ही कई जिलों के पुलिस अधिकारियों के तबादला किए थे, इसी क्रम में कार्मिक विभाग ने प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा आईपीएस अधिकारियों का तबादला सूची जारी किया था। इसमें जोधपुर रेंज आईजी जय नारायण शेर का तबादला कर दिया और उनकी जगई आईपीएस विकास कुमार को जोधपुर रेंज का नया आईजी बनाया गया था। विकास कुमार राजस्थान कैडर के 2004 बैच के आईपीएस अधिकारी जो मूलरुप से औरंगाबाद के रहने वाले हैं।
जोधपुर रेंज के नवनियुक्त आईजी विकास कुमार ने पुलिस सेवा में रहते हुए कई पदों पर अहम भूमिक अदा की है। सिविल सेवाओं में चयन से पहले उन्होंने साल 1997 में आईआईटी कानुपर से बीटेक की डिग्री प्राप्त की. इंजीनियरिंग करने के बाद विकास कुमार ने बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्राइवेट सेक्टर में नौकरी भी ज्वाइन किया, उसके बाद उन्होंने भारतीय रेलवे में भी महत्तवपूर्ण पद पर नौकरी की, इसके दौरान उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी करते हुए साल 2004 में सिविल सेवाओं में टॉप किया और आईपीएस के पद पर चयनित हुए। विकास कुमार को भारतीय पुलिस सेवा में राजस्थान का कैडर मिला।
जोधपुर रेंज में विकास कुमार में प्रदेश की भजनलाल शर्मा सरकार ने जोधपुर रेंज का नया आईजी बनाया था, यहां पर उनके सामने कई बड़ी चुनौतियां भी थी। पहली चुनौती लोकसभा चुनाव के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ते महिलाओं के विरुद्ध अपराध, गैंगस्टर, अवैध मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी, संगठित अपराध के साथ 007, 0029, लॉरेन्स विश्नोई गैंग जैसे कई गैंग सक्रिय हैं, इन अपराधों पर अंकुश लगाना उनके लिए एक बड़ी चुनौती थी। इसके अलावा भू माफिया, खनन माफिया, मादक पर्दर्थो का बढ़ता कारोबार, जुआ, सट्टा, साइबर ठगी को रोकने के साथ क्षेत्र के लोगों के सामने भयमुक्त वातावरण पैदा करना रहेगा।
इन अपराधों पर लगाया लगाम कसने के लिए आईपीएस विकास कुमार ने अपने कार्य प्रणाली के लिए पुलिस महकमें में हमेशा से चर्चा में रहे हैं। इन्होंने कई टास्क को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाई है. आईपीएस विकास कुमार एक दर्जन जिलों में पुलिस अधीक्षक रह चुके हैं। 2009-10 में गुर्जर मीणा आंदोलन के दौरान शांति बहाल करने और 2010 में सीकर में शराब माफियाओं के खिलाफ मोर्चा खोलने में भी सफल रहे। उसके साथ ही सांप्रदायिक हिंसा नियंत्रण, राजमार्ग डकैती और अवैध हथियारों के बड़े बड़े रैकेट को खत्म करने में और ऐसे अपराधों पर लगाम लगाने में महत्वपूर्म भूमिका अदा कर चुके हैं।
उत्कृष्ट सेवाओं के लिए आईपीएस विकास कुमार को राष्ट्रपति सहित कई पुरस्कार मिल चुके हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान आईपीएस विकास कुमार के नेतृत्व में भारी मात्रा में नकदी बरामद हुई थी, जो रिकॉर्ड तोड़ नकदी थी। चुनावों में उत्कृष्ट कार्य करने पर उन्हें राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया था, इसके अलावा विकास कुमार को आईआईटी कानपुर की ओर से प्रतिष्ठित सत्येंद्र कुमार दुबे मेमोरियल अवार्ड 2017 से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा आईपीएस विकास कुमार को अल्मा मेटर पुरस्कार, प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया अवार्ड, शांति और सद्भाव कायम रखने के लिए होम मिनिस्टर ट्रॉफी फॉर द बेस्ट वर्क ऑफ कम्युनल हार्मनी एंड नेशनल इंटीग्रेशन से सम्मानित किया जा चुका है। इसके अलावा आमजनता के लिए माहौल को अच्छा से बनाए रखने के लिए सर बीएस मेमोरियल ट्रॉफी से भी इन्हें सम्मानित किया जा चुका है।
– राजस्थान से राजूचारण