वाराणसी- जहां सभी आपस में होली की तैयारियां जोरों-शोरों से कर रहे हैं कोई रंगों की खरीदारी कर रहा है तो कोई पिचकारी और घरवाली घर की किचन की सामग्री की तैयारियां कर रही हैं। वही इस बार बनारस की भौजाइयां इस बार रंग की मिलावटखोरों की मिलावटखोरी से बचने के लिए अपने आंखों की सुरक्षा वश चश्मो की खरीदारी में जुटी
*जब अंतिम विकल्प टीम*
द्वारा बनारस की पड़ताल कि तो तमाम छोटे बड़े इलाको में होली पर्व को देखते हुए इस बार बनारस की भौजाई रंगों से ना घबराते हुए आंखों पर चश्मा लगाने का निर्णय लिया जैसा कि हर बार भौजियों के साथ उनके देवर उनके गालों और उनके ऊपर रंग लगाते रहे रंग की मिलावट की वजह से उन्हें आंखों की समस्या से काफी परेशानियां होती थी।वहीं चश्मो की खरीदारियों कर आंखों की सुरक्षा की रक्षा कर बनारस की सभी भौजी इसबार होली खेलने के लिए तैयार हैं जब बनारस के सड़कों पर अंतिम विकल्प न्यूज टीम भाभी से वार्तालाप करते हुए सड़कों पर चश्मा खरीदारी करती बनारस की भौजी लोगों से पूछा गया चश्मे का क्यों खरीदारी होली में तब भौजी द्वारा यह बताया गया हर बार घर के देवर और बाहर के दूरदराज से देवर आते हैं। होली खेलने हम लोगों के साथ तब आंखों पर मिलावटी रंग का प्रभाव पड़ने की वजह से काफी परेशानियां होती है फिर भी हम लोग उनके साथ होली का पर्व उमंग के साथ मनाते हैं पर इस बार बचने का नया रास्ता हम लोग चुन लिया जिसकी वजह से इस बार आंखों की समस्या से हम लोग बच सकते हैं इसलिए होली की खरीदारी ओ में इस बार चश्मों का खरीदारी सर चढ़ गया है। इस बार 2018 की होली खेलने के लिए सभी भाभी अपने अपने देवर के साथ होली खेलने के लिए चश्मा लगाकर तैयार है अगर किसी प्रकार की भी रंग लगाई जाए तो आंखों पर इनका प्रभाव नहीं पढ़ पाए वही मीना भाभी का कहना था कि अगले बार जब हम अपने घरों में चुपके रहे तभी हमारे देवर और उनके दोस्तों ने हमारे कोमल गालों पर रंग लगा दिया कोमल गालों पर रंग लगाने के पश्चात वही रंग आंखों पर भी लग गया जिसकी वजह से दूसरे ही दिन आंखों की समस्या से जूझ ती रही फिर डॉक्टर द्वारा जानकारी प्राप्त रंगों की मिलावटखोरी की वजह पाई गई इसलिए इस बार चश्मे पर ही खेलेंगे होली।
पड़ताल- अंतिम विकल्प न्यूज की Exclusive Report
-महेश कुमार राय