बरेली। अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर रविवार को आईवीआरआई मे आयोजित संगोष्ठी मे मुख्य अतिथि राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन एवं जन्तु उद्यान डॉ. अरुण कुमार सक्सेना व सांसद संतोष गंगवार सभागार मे समस्त जीवन के लिए साझा भविष्य का निर्माण विषयवस्तु पर आधारित राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारम्भ किया। वन व जलवायु परिवर्तन एवं जन्तु उद्यान राज्यमंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि पौधरोपण, जैव विविधता, वन एवं वेटलैंड्स सहित समस्त पारिस्थितिक तंत्र का संरक्षण व संवर्धन मे योगदान व सक्रिय सहयोग प्रकृति के उपकारों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का एक सरल उपाय है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक आयु के व्यक्ति को इस दिशा में कार्य कर जैव विविधता सुरक्षित रखने में अपना योगदान करे। राज्य मंत्री ने आह्वान किया कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास एवं सबका प्रयास की भावना के अनुरूप पौध रोपित, सिंचित व सुरक्षित कर एवं प्रदेश सरकार द्वारा जैव विविधता सुरक्षा व वृद्धि हेतु किए जा रहे प्रयासों में सहयोगी व सहभागी बनकर प्रदेश को जलवायु परिवर्तन की दर में वृद्धि के प्रतिकूल प्रभावों से सुरक्षित रखने में सहयोगी व सहभागी बने। इस अवसर पर जैव संसाधन का उपयोग करने वाले व्यापारियों, विनिर्माताओं, जैव विविधता प्रबंध समितियों के पदाधिकारियों व सदस्यों, प्रगतिशील कृषकों, विभिन्न अनुसंधान संस्थानों व गैर सरकारी सदस्यों के प्रतिनिधियों, उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के गैर सरकारी सदस्यों, कृषि, पशुधन विकास, मत्स्य, उद्यान विभाग एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मंत्री जी ने कहा कि धरती के पर्यावरण अर्थात प्राणी व पादप प्रजातियों, नदियाँ, वेटलैंड, मृदा सहित समस्त सजीव व निर्जीव घटकों को समेकित रूप से संरक्षित कर ही हम धरती को बनाए व बचाए रखने में सफल हो सकते है। मंत्री ने कहा कि वृहद् स्तर पर वृक्षारोपण के परिणाम स्वरूप प्रदेश के वनावरण व वृक्षावरण में वृद्धि एवं प्राकृतवास मे सुधार के परिणाम स्वरूप राष्ट्रीय पशु बाघ व राष्ट्रीय पशु हाथी की संख्या में वृद्धि हुई है। जैव विविधता व पर्यावरण संरक्षण की दिशा में प्रदेश सरकार के प्रयासों को अन्तर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई है तथा विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इस अवसर पर सांसद संतोष गंगवार ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि आज का विचार विमर्श सम्पूर्ण समाज के लिए उपयोगी व हितकारी है। मधुमक्खी की परागण मे भूमिका का उल्लेख करते हुए ममता संजीव दूबे ने कहा कि हमारे पारिस्थितिक तन्त्र को स्वस्थ व स्वच्छ रखने में प्रत्येक प्राणी व पादप प्रजाति की महत्वपूर्ण भूमिका है। श्रीमती दूबे ने पर्यावरण को बचाने में वनीकरण की भूमिका एवं एक वृक्ष द्वारा 50-60 प्रजातियों का संरक्षण होने का उल्लेख करते हुए भावी पीढ़ी के सुखद व सुखमय भविष्य हेतु प्रतिभागियों से अधिकाधिक पौध रोपित करने का अनुरोध किया। सचिव, उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड श्री बी प्रभाकर ने कहा कि समाज के समस्त वर्गों व स्टेकहोल्डर्स की सहभागिता से जीवन के समस्त रूपों की सुरक्षा कर पृथ्वी व मानव का अस्तित्व बनाए रखने में सफलता प्राप्त की जा सकती है। डॉ मुनव्वर आलिम खालिद, विभागाध्यक्ष, पर्यावरणीय विज्ञान विभाग, इंटीग्रल विश्वविद्यालय लखनऊ ने मुख्य वक्ता के रूप में जैव विविधता व जलवायु परिवर्तन के संदर्भ में समस्त जीवन के लिए साझा भविष्य निर्माण पर प्रतिभागियों को सम्बोधित किया। श्री कपिल कौल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, इंडो अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने उद्योगों के संबंध में जैव विविधता संरक्षण परिदृश्य पर अपने विचार व्यक्त किए। प्रथम व द्वितीय तकनीकी सत्र मे भारतीय वन सेवा के सेवानिवृत्त अधिकारी एवं स्वतंत्र निदेशक आरवीएल नई दिल्ली आरएस मूर्ति ने समस्त जीवन के लिए साझा भविष्य का निर्माण, सम्बद्ध पारम्परिक ज्ञान का संरक्षण एवं लाभ के साझेदारी की पहुंच में वृद्धि एवं शालिनी सिंह बिसेन, निदेशक, एमिटी फूड एण्ड एग्रीकल्चर फाउंडेशन, एमिटी विश्वविद्यालय, लखनऊ ने मृदा कार्बनिक पदार्थ के निर्माण में मृदा माइक्रोब्स के लाभ विषयवस्तु पर विचार विमर्श किया। राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि ने उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड द्वारा सृजित प्रसार साहित्य जैव विविधता प्रबन्ध समितियों के सुदृढ़ीकरण एवं क्षमता विकास कार्यक्रम हेतु प्रशिक्षण सामग्री पर्यावरण कैलेण्डर एवं उत्तर प्रदेश की जैव विविधता पोस्टर का विमोचन भी किया गया।।
बरेली से कपिल यादव