बरेली। जिला पंचायत बोर्ड की बैठक मे बुधवार को स्मार्ट सिटी कंपनी ने पेंच फंसा दिया। दरअसल बोर्ड बैठक जीआईसी ऑडिटोरियम मे आहूत की गई थी लेकिन जनरेटर मे तकनीकी खराबी आ जाने के कारण बिजली आपूर्ति नहीं हो सकी। ऐसे में कड़ी नाराजगी के साथ बोर्ड बैठक ऑडिटोरियम के बाहर खुले मे हुई। बैठक में 25 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट के साथ कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए। जिला पंचायत की बोर्ड बैठक बुधवार को दोपहर 12 बजे से होना प्रस्तावित थी, तय समय पर जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल और सांसद छत्रपाल गंगवार सभागार में पहुंच गए, लेकिन यहां पहले से मौजूद पंचायत सदस्यों ने सभागार के बाहर ही जिला पंचायत अध्यक्ष को बिजली व्यवस्था न होने की बात बताई। इस पर जिला पंचायत अध्यक्ष ने कड़ी नाराजगी जाहिर की। बताया गया कि ऑडिटोरियम में बिजली आपूर्ति जेनरेटर के जरिये होती है और जेनरेटर खराब है। नगर निगम के कर्मचारी जेनरेटर सही करने मे जुटे रहे। करीब आधे घंटे इंतजार के बाद भी बिजली आपूर्ति बहाल नही होने पर सभागार के बाहर खुले परिसर मे कुर्सियां डालकर बैठक की कार्यवाही आरंभ की गई। बैठक मे सबसे पहले पूर्व में बैठक की कार्यवाही पर चर्चा हुई। वही अपर मुख्य अधिकारी डॉ नीतू सिसौदिया ने एजेंडा के प्रस्तावों से बारी-बारी से सबको अवगत कराया। सदस्यों ने बोर्ड पर मनमानी करने और पक्षपात के आरोप भी लगाए। हालांकि सर्वसम्मति से नौ प्रस्तावों को मंजूरी मिलने के साथ ही 25 करोड़ रुपये के अनुपूरक बजट के साथ कई कार्य योजनाएं पारित की गई। इस मौके पर नवाबगंज विधायक एमपी आर्य, मुख्य विकास अधिकारी देवयानी समेत अन्य लोग मौजूद रहे। बैठक मे विपक्षी सदस्यों ने सदन पर पक्षपात के भी आरोप लगाए। सदस्य ब्रहमस्वरूप सागर ने कहा कि मेरे वार्ड मे एक भी कार्य को मंजूरी नही दी गई बीते मेरे खिलाफ रंजिशन मुकदमे लिखाए गए। रश्मि पटेल ने उनको समझाकर शांत कराया।।
बरेली से कपिल यादव