👉 डिजिटल मीडिया की मान्यता को लेकर जेसीआई की वर्चुअल मीटिंग।
बरेली/ शाहजहांपुर- आज जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया रजि० की एक वर्चुअल मीटिंग डिजिटल मीडिया की मान्यता को लेकर हुई। जिसमें देश भर के पत्रकारों ने हिस्सा लिया। जिसका प्रमुख मुद्दा था कि डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को केंद्र श्रमजीवी पत्रकार तो मान रही है। फिर उनको सुविधाएं क्यों नहीं, यह भेदभाव क्यों। बैठक में देश भर के पत्रकारों ने कहा कि केंद्र सरकार की नीतियां स्पष्ट नहीं हैं। आज जबकि सभी कुछ डिजिटल है तो फिर डिजिटल मीडिया को मान्यता क्यों नहीं ? डिजिटल मीडिया के पत्रकारों के साथ भेदभाव पर विषय पर सभी पत्रकारों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए।
बैठक में जेसीआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि जब डिजिटल मीडिया के पत्रकारों को केंद्र सरकार श्रमजीवी पत्रकार मान रही है। तब डिजिटल मीडिया के पंजीकरण से सरकार क्यों पीछे हट रही है। उन्होंने कहा सरकार की नीति स्पष्ट होना चाहिए यह आखिर क्यों नहीं है। उन्होंने बताया आज पत्रकारों की संख्या हज़ारों नहीं करोड़ों की गिनती पार कर चुकी है। जिसके लिए मिलकर आवाज़ उठाने की आवश्यकता है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने पुरजोर कहा कि जिस दिन पत्रकार जाग उठा उस दिन देश की सत्ता का रुख बदलने की हिम्मत रखते हैं हम। उन्होंने कार्ययोजना बनाकर इस मुद्दे पर लड़ाई लड़ने की आवश्यकता पर बल दिया। उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर से वरिष्ठ पत्रकार संजय जैन ने कहा कि अब समय आ गया है पत्रकारों को एकजुट होकर अपनी लड़ाई लड़नी होगी। उत्तर प्रदेश सलाहकार समिति के अजय शुक्ला ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि हम पत्रकारों को एकजुट करने में पूर्ण क्षमता से कार्य करेंगे। डॉ०आरसी श्रीवास्तव ने कहा कि अब लड़ाई और सफलता में कुछ अधिक फासला नहीं बचा है। बस आपको अपने लिए अपने पत्रकार साथियों के लिए समर्पित होकर कार्य करना है। पत्रकार प्रिया सिंह ने कहा कि छोटे बड़े की भावना दिल से निकाल कर पत्रकारों को आपसी सहयोग तथा भाईचारे की भावना के साथ कार्य करना होगा। वरिष्ठ पत्रकार नागेन्द्र पांडेय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर बी०त्रिपाठी, संजय गुप्ता, अजय शुक्ल, मुसाहिब अहमद, प्रिया सिंह, नागेन्द्र पांडेय, अम्मार आब्दी समेत करीब दर्जनों पदाधिकारीयों ने देश के विभिन्न स्थानों से जुड़ कर अपने विचार व्यक्त किए।
– संजय जैन ब्यूरो चीफ