भदोही-मोहल्ला कज़ियाना शरीफ स्थित हज़रत हाजी अब्दुल वहाब चरम पोश रह.के 54 वां सालाना उर्स के मौके पर बीती रात जश्ने औलिया कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। कांफ्रेंस का आगाज़ क़ुरआने हकिम की तिलावत से हाफिज परवेज उर्फ़ अच्छे मियाँ ने की। उसके बाद मद्दाहे खैरुल अनाम सलल्लाहु अलैहे वसल्लम शायर हेलाल टांडवी ने मनकबत के अशआर पेश करते हुए पढ़ा की। आप है आका आप है मौला आपका मैं दीवाना। ऐ शब्बीर के नाना ऐ शब्बीर के नाना। पढ़ा तो सरज़मीने कर्बला का मंजर लोगो के आँखों में गर्दिश करने लगा और लोग मचल गए। इसी तरह शायर शादाब पैकर ने पढ़ा कि ज़िक्रे अहमद से सीना सजा है इश्क है ये तमाशा नहीं है। वो भी दिल भी कोई दिल है जहां में जिसमे तस्वीर तैयबा नहीं है।पढ़ा तो लोग दादो सुखन से नवाजने लगे। मेम्बरे नुर पे जलवा अफरोज हज़रत अल्लामा मौलाना इम्तियाज़ बरकाती ने इस्लाही व वलियों से निस्बत पर रौशनी डालते हुए कहा कि अल्लाह ने क़ुरआने मुक़द्दस में फ़रमाया कि ऐ मेरे महबूब आप कह दीजिये कि जिसने मेरी इत्तिबा की उसने अल्लाह की इत्तिबा की बात समझ में आ गई कि अल्लाह के रसूल की इत्तिबा करने वालो को अल्लाह अपना महबूब बना लिया करता है और जब अल्लाह अपना महबूब बना ले तो किसी को गौसे बना देता है तो किसी को सुल्तानुल हिन्द ख्वाजा गरीब नवाज बना देता है तो किसी को निजामुद्दीन औलिया तो किसी को साबिर पीया कलियरी तो किसी को अलाउद्दीन हक़ पंडवि तो किसी को सैयदना वारिसे पाक बना देता है। मौलाना ने कहा अल्लाह के वलियों से निस्बत रखो मुकद्दर चमकता हुआ नज़र आएगा। तुम्हे जीने का सलीका आ जाएगा।कहा नमाज को पंजगाना अदा करो माँ बाप का फ़रमा बरदार बन जाओ दुनिया पुकार उठेगी देखो मजहबे इस्लाम का मानने वाला जा रहा है देखो गुलामाने रसूल स.जा रहा है। अपने ज़िन्दगी को मजहबे इस्लाम के साँचे में ढालो ज़िन्दगी कामियाबी की मंजिल को तय करती हुई नज़र आएगी। वही शायर जावेद आसिम एखलाक खंजर ने नाते रसूले अकरम स.पढ़ा।मेम्बरे नुर पे जलवा अफ़रोज़ मौलाना महफूज आलम मौलाना अब्दुस्समद ज़ियाई मौलाना फैसल अशर्फी हाफिज तबरेज अहमद हाफिज गुलाम मुस्तफा नेज़ामत फरीद रज़ा व् सदरे जल्सा हाफ़िज़ परवेज़ उर्फ़ अच्छे मियाँ रहे तो वहीँ कमेटी के सद्र हाजी अख्तर कुरैशी वसीमुल्लाह खां नसीम अंसारी तनवीर अहमद हाफिज इरफ़ान अहमद चाँद बाबू वामिक सिद्दीक़ी अतीक खां जावेद कुरैशी मुमताज खां दानिश सिद्दीक़ी शिबू खां सुफियान खां तारिक अंसारी नेहाल कुरैशी शानू खां कलीम सिद्दीक़ी इजहार वकील जीमी खां आदि लोगो ने आये हुए सामेइन का खैर मकदम किया।
पत्रकार आफ़ताब अंसारी
जिसने रसूल से मोहब्बत की उससे अल्लाह करता है मोहब्बत ! मौलाना इम्तियाज़
