जिले मे होने वाले पंचायत चुनाव के आरक्षण पर आपत्तियों की भरमार, उठने लगे सवाल

बरेली। जिले में पंचायत चुनाव में आरक्षण को लेकर आपत्तियों की भरमार हो गई है। जिससे आरक्षण पर अब सवाल उठने लगे हैं। जिला प्रशासन भले ही नियमों के मुताबिक त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी करने का दावा कर रहा है लेकिन आरक्षण पर सवाल उठने लगे हैं। पहले दिन से ही आरक्षण को लेकर सियासत गरमा गई है। जिला पंचायत राज अधिकारी कार्यालय व ब्लॉक मुख्यालयों पर आपत्ति देने वालों की भीड़ उमड़ रही है। तीन दिन में 503 आपत्तियां प्राप्त हुई हैं। इनमें सर्वाधिक आपत्तियां ग्राम प्रधान पद के आरक्षण को लेकर है। लोगों के अलग-अलग तर्क हैं। कोई ग्राम सभा का आरक्षण तय करने में गाइडलाइन दरकिनार करने की बात कह रहा है तो कई लोगों ने आपत्ति जताई है कि उनकी ग्राम पंचायत कई चुनावों से अनारक्षित होने के बाद भी इस बार भी आरक्षित नहीं हुई है। इधर, आपत्तियां लेने की अंतिम तारीख आठ मार्च निर्धारित है। जिले के 15 ब्लॉकों में 1093 ग्राम पंचायतों के साथ जिला पंचायत के 60 वार्ड हैं। इनमें क्षेत्र पंचायत सदस्य पद की 1467 सीटें हैं। इन सभी पदों पर बुधवार को आरक्षण घोषित किया गया था। डीएम नितीश कुमार, सीडीओ चंद्र मोहन गर्ग, जिला पंचायत राज अधिकारी धर्मेंद्र कुमार आदि अफसरों का दावा है कि आरक्षण पूरी तरह से पारदर्शी और गाइडलाइन के अनुसार ही किया गया है लेकिन अगले ही दिन से आरक्षण पर आपत्तियों की भरमार हो गई। ब्लॉक से लेकर जिला पंचायत कार्यालय, कलेक्ट्रेट और विकास भवन पहुंचकर लोगों ने आपत्तियां दर्ज करानी शुरू कर दी है। पंचायती राज विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक पहले दिन गुरुवार को 117, शुक्रवार को 195 और शनिवार को 191 कुल 503 आपत्तियां दर्ज करा चुके हैं। इनमें सर्वाधिक प्रधान पदों के आरक्षण व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। इनमें अधिकांश का कहना है दावा किया गया था जो सीटें अब तक आरक्षित नहीं हुई हैं वह आरक्षित होंगी लेकिन जारी आरक्षण में कई पंचायतें ऐसी हैं जिनमें पिछले कई चुनावों में अनारक्षित ही सीटे रहीं हैं और इस बार भी अनारक्षित हो गई हैं। आरोप यह भी है आरक्षण तय करने में सत्तापक्ष के नेताओं, विधायकों की सिफारिश पर मनमानी की गई है। लोगों का कहना है कि एक बार फिर से विचार किया जाए फिर फाइनल आरक्षण जारी किया जाए। मुख्य विकास अधिकारी चंद्र मोहन गर्ग ने बताया कि आरक्षण पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से और गाइडलाइन के अनुसार किया गया है। फिर भी अगर लोगों को कोई समस्या है तो वे आठ मार्च तक आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। सभी ब्लॉकों में भी आपत्तियां दर्ज करने के लिए रजिस्टर रखवाए गए हैं। सभी आपत्तियों की जांच कराने के बाद निस्तारण किया जाएगा।।

बरेली से कपिल यादव

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