बरेली। जिले में पंचायत चुनाव के बाद गांवों में हत्या, मारपीट जैसी घटनाएं बढ़ गई है। मतगणना के बाद गांवों में चुनावी रंजिश को लेकर लगातार विवाद हो रहे हैं। कहीं मौजूदा प्रधान दबंगई कर रहे हैं तो कहीं हार के बाद पूर्व प्रत्याशी हत्याएं जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। मारपीट जैसी घटनाएं तो आए दिन सामने आ रही है। इसको लेकर पुलिस अधिकारी थाना प्रभारियों को लगातार छोटे से छोटे विवादों को गंभीरता से लेने के निर्देश दे रहे हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद प्रधान पद के जीते और हारे प्रत्याशियों और उनके समर्थकों के बीच अभी भी तनाव है। जीते हुए प्रत्याशी और उनके समर्थक हारे हुए प्रत्याशियों का मजाक उड़ा रहे हैं। ऐसे में आए दिन गांवों में हत्या, मारपीट जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं। बीते माह कैंट के परगवां में नवनिर्वाचित प्रधान इशहाक की सारेशाम गोलियों से भून दिया था। हमलें मे प्रधान की पत्नी शकीना भी गोली लगने से घायल हो गई थी। इस हत्याकांड में पूर्व प्रधान प्रत्याशी मोहर सिंह समेत कई लोगों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जेल भेजा था। इसी तरह से भुता थाना क्षेत्र के विसेसरपुर गांव के रहने वाले वीरपाल जाटव के परिवार के साथ दूसरे प्रत्याशी को चुनाव लड़ाया था और वोट भी उसे ही दिए थे। लेकिन उनका प्रत्याशी हार गया और गांव के हरीश पटेल की पत्नी जीत गई थी। चुनाव न लड़ाने और वोट ने देने की वजह से ही हरीश पटेल पूरे परिवार से रंजिश मानता है। इसी को लेकर शनिवार की शाम छह बजे हरीश कुमार अपने साथी दुर्वेश पटेल उर्फ देव पटेल, अभिषेक पटेल, कुनाल समेत अन्य कई लोगों के साथ उसे घर आ गया। जिसका विरोध करने पर हमलावरों ने उसके साथ मारपीट शुरु कर दी। इस दौरान पत्नी ने बीच बचाव की कोशिश की तो घर में घुसकर उसके साथ भी मारपीट की और कपड़े फाड़ दिए। ग्रामीणों को आता देखकर आरोपी मौके से धमकी देते हुए फरार हो गए। आरोप है कि रविवार की देर रात प्रधान पति ने ही साथियों के साथ उसकी झोपड़ी में आग लगा दी थी। इसी तरह से जिल में आए दिन पंचायती चुनाव को लेकर हो रही घटनांए सामने आ रही है।।
बरेली से कपिल यादव