बरेली। फाल्गुन मास शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि में मनाई जाने वाली फुलेरा दूज पर विवाह करने पर दांपत्य जीवन मे अपार स्नेह और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है। इस पर्व को अबूझ मुहूर्त भी कहते है। फुलेरा का शब्दिक का अर्थ है फूल जो फूलों को दशार्ता है और द्वितीय तिथि होने के कारण दूज। इसलिए इस पर्व को फुलेरा दूज कहते हैं। माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने इस दिन फूलों की होली खेली थी और सर्दी के मौसम के बाद इसे सर्दी के सीजन का अंतिम दिन माना जाता है। श्री शिरडी साई सेवा ट्रस्ट की तरफ से सोमवार को आठ कन्याओं का सामूहिक विवाह सम्पन्न कराया गया। सभी कन्याएं गरीब परिवारों की हैं और ट्रस्ट की तरफ से उनको दैनिक उपयोग में आने वाले सामान बतौर उपहार दिए गए। सोमवार सुबह दस बजे बारात श्री शिरडी साई सर्व देव मंदिर शहामतंगज से निकली। बारी-बारी सभी दूल्हे घोड़ी पर बैठकर गांधी उद्यान पहुंचे। वहां उनका स्वागत कन्या पक्ष के लोगों ने किया। गांधी उद्यान में सभी जोड़ों का विवाह विधिविधान से श्री त्रिवटीनाथ सामवेद संस्कृत महाविद्यालय के आचार्यगणों ने संपन्न कराया। इस मौके पर ट्रस्ट के सरवराकार पं. सुशील पाठक, शलभ गोयल, दिनेश मिश्रा, अश्वनी ओबराय, ज्ञानी काले सिंह, अशोक कुमार सक्सेना आदि मौजूद रहे।।
बरेली से कपिल यादव