- वीसी के माध्यम से एईएस की अद्यतन स्थिति की ली जानकारी
- टैग वाहन और प्रचार- प्रसार पर जोर
मुजफ्फरपुर/बिहार- जिले में एईएस और जेई पर राज्य अपनी पैनी नजर रखेगी। इस संबंध में वीसी के माध्यम से राज्य पदाधिकारियों ने सीएस, जिला भीबीडीसी पदाधिकारी, एमओआईसी और एईएस से जुड़े अन्य पदाधिकारियों के साथ एईएस की वर्तमान स्थिति के साथ प्रशिक्षण, बेड व प्रचार प्रसार की वास्तविक स्थिति का जायजा लिया। जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने बताया कि राज्य की तरफ से टैग वाहन, प्रशिक्षण और प्रचार प्रसार के साथ उपचार व्यवस्था पर भी काफी ध्यान दिया जा रहा है। जिला स्तर से भी चमकी से निपटने के लिए चरणबद्ध कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक पंचायत से पांच वाहनों के टैग के लिए एमओआईसी प्रयासरत है। इसके अलावे निजी वाहन से आने वाले लोगों को भी दूरी के हिसाब से भाड़ा देय होगा। न्यूनतम भाड़ा चार सौ मिलेगा।
1193 नर्स और 355 चिकित्सकों को मिला है प्रशिक्षण-
डॉ सतीश ने कहा कि एईएस की स्थिति से निपटने के लिए 16 प्रखंडों के 355 मेडिकल ऑफिसर, सीएचओ, आयुष चिकित्सक तथा 1193 एएनएम,जीएनएम को प्रशिक्षित किया गया है। इसके अलावा आशा और आंगनबाड़ी सेविकाओं को ओआरएस के पैकेट और पारासिटामोल के सिरप तथा टैबलेट का भी वितरण पीएचसी के माध्यम से किया गया है।
एईएस के सभी प्रकार के कॉल का होगा संधारण –
केयर इंडिया के नसीरूल होदा ने बताया कि कंट्रोल रूम के सोमवार से संचालन के बाद से एईएस के सभी प्रकार के कॉल के रिकॉर्ड का संधारण किया जाएगा। इसके अलावा एईएस या जेई संबंधित किसी भी प्रकार के कॉल आने के बाद तत्काल संबंधित प्रखंड के कंट्रोल रूम, जिला नोडल एईएस चिकित्सा पदाधिकारी एवं एसीओ एंबुलेंस को सूचित कर अविलंब उचित व्यवस्था एवं चिकित्सा उपलब्ध किया जाएगा। वहीं कंट्रोल रूम में कार्यरत सभी कर्मियों को एईएस व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ने एवं प्रत्येक पाली में अपनी फोटो ग्रुप में भेजेंगे । कॉल आने के बाद एईएस प्रभावित बच्चों का पुनः फोन फॉलो अप प्रतिदिन होगा। कंट्रोल रूम में कार्य करने वाले सभी लोगों की रोस्टर वाइज ड्यूटी का चार्ट रहेगा।
– बिहार से नसीम रब्बानी