बरेली। दिवाली के अवकाश के बाद सोमवार को जिला अस्पताल की ओपीडी मे मरीजों की भीड़ उमड़ी। वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरक्षित दो में से एक पर्चा काउंटर बंद रहा। इससे बुजुर्ग मरीजों को परेशानी से जूझना पड़ा। पहले पर्चा बनाने के लिए काउंटर पर दो बुजुर्ग मरीजों के बीच तकरार हुई। सुरक्षा गार्ड ने किसी तरह दोनों को समझाकर शांत कराया। ओपीडी मे 1745 नए मरीजों का पंजीकरण हुआ। जबकि 2 हजार के करीब पुराने रोगियों को भी ओपीडी मे इलाज दिया गया। 200 से अधिक मरीज वायरल बुखार के सामने आए। वही 70 मरीजों में मलेरिया के लक्षण होने पर जांच कराई गई लेकिन कोई मलेरिया से ग्रसित नहीं मिला। बुखार व गले के संक्रमण के मरीजों की संख्या ज्यादा रही। ओपीडी में बुजुर्ग मरीजों की संख्या भी अधिक रही। फिजिशियन डॉ. वैभव ने बताया कि मौसम मे बदलाव हो रहा है। अनदेखी करने से सेहत बिगड़ रही है, जिसके चलते लोग वायरल बुखार की चपेट में आ रहे है। इस मौसम मे गंभीर बीमारियों से ग्रसित बुजुर्ग और बच्चों का विशेष ख्याल रखे। वही सीएमओ कार्यालय मे सोमवार को आयोजित शिविर मे दिव्यांगों को परेशानी से जूझना पड़ा। जो वलने-फिरने में असमर्थ है। उनके लिए सिस्टम बैठने तक की उचित व्यवस्था नही कर सका। तमाम दिव्यांगों को जमीन पर ही बैठना पड़ा। उनका दर्द छलका, मगर उन्हें नही दिखा जो जिम्मेदार है। दरअसल हर सोमवार को सीएमओ कार्यालय मे शिविर लगता है, जिसमे दिव्यांग प्रमाण पत्र संबंधी कार्य के लिए आते हैं। लेकिन यहां मेडिकल परीक्षण करने के लिए डॉक्टर के आने का समय 12 बजे से है। जिसके चलते घंटों दिव्यांगों को इंतजार करना होता है। चंद दिव्यांगों की ही समस्या का निस्तारण होता है। अन्य मायूस होकर घर लौट जाते हैं। यहां तीन व्हील चेयर है जबकि जरूरत यहां आने वाले 90 फीसदी दिव्यांगों को होती है। वही कार्यालय तक जाने के लिए रैप भी नही बनी हुई है। सुबह से यहां स्वास्थ्य अफसरों का आवागमन रहता है लेकिन दिव्यांगों की समस्या की ओर किसी भी नजर नही जाती है। यहां बैठने की उचित व्यवस्था न होने के कारण दिव्यांग जमीन पर बैठे नजर आए।।
बरेली से कपिल यादव
