बरेली। जिला अस्पताल मे मरीजों को ठंड से बचाव के इंतजाम नाकाफी साबित हो रहे हैं। आलम यह है कि मरीजों को घरों से कंबल व रजाई मंगवानी पड़ रही है। मरीजों के तीमारदारों का आरोप है कि दो जगह सिर्फ एक कंबल दिया जा रहा है। जिससे ठंड नहीं बच पा रही है। इसलिए घरों से रजाई और कंबल ला रहे हैं। रूम हीटर जैसे इंतजाम करने के लिए अभी अस्पताल प्रशासन शासन के आदेश का इंतजार कर रहा है। यही वजह है कि अभी तक ठंड से बचाव के इंतजाम ठंडे है। ठंड बढ़ने के बाद से औपचारिकता के लिए केवल कुछ ही कंबल वाडों में मरीजों को दिए जा रहे हैं। इमरजेंसी से लेकर अन्य वार्डों में दिन में किसी भी समय पहुंचकर ऐसी स्थिति देखी जा सकती है। बेडों पर लेटे कुछ ही मरीजों को कंवल मिल पा रहे हैं। शनिवार को अस्पताल में ठंड से बचाव के इंतजाम आधे अधूरे नजर आए। इमरजेंसी वार्ड में कई महिलाएं भर्ती हैं। इनमें अधिकांश ने घरों से कंबल मंगवाकर ओढ़ रखे थे। एक-दो बेडों पर अस्पताल के कंबल किनारे रखे थे। मरीजों के तीमारदारों का कहना है कि अस्पताल के कंबल बदबू छोड़ रहे है। एक महिला रोगी के परिजन ठंड से बचाव के पर्याप्त इंतजाम नहीं होने पर घर से रजाई लेकर पहुंचे थे। जनरल वार्ड में भी ठंड से बचाव के इंतजाम अपर्याप्त दिखे। तीमारदारों के लिए रैन बसेरों का इंतजाम भी अधूरा दिखाई दिया। वहीं, जनरल समेत अन्य वाडों में वायरल बुखार, लीवर की बीमारी, खून की कमी समेत कई तरह के मरीज भर्ती हैं। सर्द हवाओं के बीच मरीजों के लिए हीटर की कोई व्यवस्था नही है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार शीतलहर चलने के बाद ही हीटर व अन्य व्यवस्थाएं करने का प्रावधान है। मरीजों के लिए दो कंबल की व्यवस्था, वार्ड में हीटर, सर्दियों से बचाव के लिए सभी इंतजाम होने चाहिए। रैन बैसरों की व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए, अस्पताल में साफ-सफाई का भी पूरा ख्याल रखा जाए। प्रभारी एडीएसआईसी डॉ. अजय मोहन अग्रवाल ने बताया कि सभी वार्डों में मरीजों को कंबल दिए जाते है। अगर किसी मरीज को कंबल नहीं दिया जाता है तो यह गंभीर मामला है। इसकी जांच कराएंगे। हीटर और अलाव की व्यवस्था को लेकर अभी कोई निर्देश नही मिले है। तीमारदारों के लिए रैन बसेरे की व्यवस्थाएं ठीक है।।
बरेली से कपिल यादव
