गाजीपुर- दरअसल हम बात कर रहे हैं गोराबाजार स्थित सीएमओ कार्यालय परिसर में निर्मित जिला अस्पताल की नई बिल्डिंग की। मालूम हो कि प्रदेश की पूर्ववर्ती सपा सरकार के मंत्री विजय मिश्र की पहल पर इस भवन का निर्माण हुआ था। तय हुआ कि नये भवन का निर्माण होने के बाद वर्तमान जिला अस्पताल को उक्त भवन में स्थानांतरित कर दिया जायेगा। जिस समय इस प्रस्ताव को मंजूरी मिली, शुरुआती समय में नगर के लोगों ने मामले की गंभीरता को नहीं समझा। जब जिला अस्पताल के नये भवन का निर्माण कार्य काफी हद तक पूरा हो चुका था तो कुछ मेडिकल संचालकों व लोगों की ओर से इस प्रकरण को उठाया गया। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
असल में मुद्दा यह है कि गोराबाजार में जिला अस्पताल के स्थानांतरण से नगर के लोगों की परेशानी बढ़नी तय है। विशेष रूप से नगर के पूर्वी हिस्से के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। नगर का पूर्वी हिस्सा काफी पुराना है। यहां काफी बड़ी संख्या में आबादी आबाद है। एक दौर ऐसा भी था, जब शहर का मेन मार्केट नखास, चीतनाथ व स्टीमरघाट कहलाता था लेकिन समय चक्र बदला आज मुख्य मार्केट के रूप में महुआबाग व मिश्रबाजार जैसे जगह विकसित हो गये हैं। मसला यह है कि नगर के पूर्वी हिस्से से गोराबाजार की दूरी काफी है। यदि रात के पहर किसी को इमरजेंसी में अपने मरीज को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैयां कराना हो तो उसको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। विशेष रूप से गरीब तबके के लोगों को, जिनके यहां चार पहिया वाहनों की व्यवस्था नहीं है। वैसे भी नगर के पूर्वी हिस्से से गोराबाजार के लिए रात के पहर में वाहनों की यातायात की व्यवस्था ठीक नहीं है। जल्दी कोई रिक्शा वाला या अन्य वाहन चालक जाना नहीं चाहता है। यदि जाने के लिए तैयार भी हो गया तो मनमाने किराये की मांग की जाती है। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि आने वाले दिनों में नगर के पूर्वी हिस्से के वाशिंदों को किस प्रकार की कठिनाइयों से दो—चार होना पड़ेगा। गोराबाजार में जिला अस्पताल के लिए भवन का निर्माण कार्य 2014 में शुरू हुआ। दिसंबर 2016 में तत्कालीन धर्मार्थ कार्य मंत्री विजय मिश्र ने इसका उद्घाटन कर दिया था। उन्होंने घोषणा की थी कि फरवरी-मार्च 2017 तक नए भवन में जिला अस्पताल काम करना शुरू कर देगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका। भवन तो बन गया था लेकिन इसके बाद भी यहां काफी कार्य अधूरे पड़े हुए थे। इसकी वजह से यहां अस्पताल अब तक स्थानांतरित नहीं हो पा रहा था।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि विजय मिश्र की ओर से स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिले को तोहफा देने का काम तो किया गया लेकिन यह तोहफा अब शहरियों के लिए गले की हड्डी बनने वाला है। विशेष रूप से नगर के पूर्वी हिस्से में आबाद आबादी इससे काफी प्रभावित होगी। जबकि ध्यान देने वाली बात यह है कि जिस समय विजय मिश्र विधायक के रूप से सपा से विजयी हुए थे, उस दौरान उनको विजय श्री दिलाने में नगर के पूर्वी हिस्से के लोगों ने अहम भूमिका निभाई थी। जबकि यह नगर का यह हिस्सा सियासी लिहाज से भाजपा का अभेद किला माना जाता है। अब इसे विडंबना ही कहेंगे कि जिस क्षेत्र के लोगों ने विजय मिश्र का जोरदार समर्थन चुनाव में किया था, अब उसी क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। शायद इस प्रस्ताव को अमलीजामा पहनाते वक्त विजय मिश्र ने भी इस प्ररिप्रेक्ष्य में अपने क्षेत्र का ध्यान नहीं दिया होगा, तभी आज ऐसी स्थिति आई है।
रिपोर्ट-:प्रदीप दुबे गाजीपुर