आजमगढ़- जिलाधिकारी नागेन्द्र प्रसाद सिंह द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत जनपद स्तरीय आशा सम्मेलन का राहुल प्रेक्षागृह में दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारी ने आशाओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा जनपद तीन माह पूर्व 64वें रैंक पर था, जबकि आज 15वें रैंक पर है, इसके लिए बधाई दी गयी। उन्होने कहा कि आशा केवल स्वास्थ्य विभाग की ही आशा नही बल्कि राष्ट्र की भी आशा हैं। स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं (संस्थागत प्रसव, टीकाकरण आदि) को गाॅवों में घर-घर तक पहुॅचाने में आशाओं का महत्वपूर्ण योगदान है। आशायें स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की पूर्ण जानकारी रखें तथा लोगों को लाभान्वित भी करें। जिलाधिकारी ने सीएमओ को निर्देशित करते हुए कहा कि जो आशायें अच्छा कार्य रह रही हैं, उनको आने वाले त्यौहारों पर सम्मानित भी करें। जिलाधिकारी ने बताया कि इंसान के अन्दर दो तरह का मस्तिष्क होता है, जिससे पहला चेतन मस्तिष्क दूसरा अवचेतन मन का विकास गर्भ से लेकर 06 वर्ष तक तेजी से होता है, इसमें बच्चों की आवृत्ति कम रहती है, जिसमें बच्चे बाहरी वातावरण से ज्यादा सीखते हैं। उन्होने कहा कि चेतन मस्तिष्क का विकास 12 वर्ष के बाद होता है। जिलाधिकारी ने आशाओं को संकल्प दिलाया कि एक भी बच्चा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं से नही छूटना चाहिए, यदि बच्चों को स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं से वंचित रहते हैं तो हमारा देश काफी पिछे छूट जायेगा। मुख्य विकास अधिकारी आनन्द कुमार शुक्ला ने आशायें अनुशासन में रहकर कार्य करने की सलाह दी तथा स्वास्थ्य सेवाओं से लोगों को बेहतर ढ़ंग से लाभान्वित करायें। मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ0 एके मिश्रा ने बताया है कि समुदाय स्तर पर गर्भवती माताओं को प्रसव पूर्व 4 जाॅचें महत्वपूर्ण है, इसी के साथ ही प्रसव पश्चात देखभाल और जानकारी की आवश्यकता अधिक होती है। मातृ मृत्यु दर रोकने में आशाओं का सराहनीय योगदान रहा है, लेकिन लक्ष्य अभी अवशेष है। उन्होने यह भी कहा कि माननीय प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी कार्यक्रम नियमित टीकाकरण जिसमें माॅ एवं 0-1 वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण निःशुल्क है, समस्त ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में अभियान चलाकर नियमित रूप से किया जा रहा है। जन-जन को टीकाकरण से होने वाले प्रभावों के बारे में जानकारी देना आवश्यक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट के अनुसार 100 बच्चों मे से 80 बच्चों का औसतन टीकाकरण जनपद आजमगढ़ में किया जा रहा है। अभी इस मुहिम में लक्ष्य अवशेष है। माननीय प्रधानमंत्री जी ने औसतन 90 प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य सुनिश्चित किया है, इसको प्राप्त करने में आशा बहने पूर्ण रूचि के साथ कार्य कर रही हैं। डाॅ0 संजय कुमार अपर मुख्य चिकित्साधिकारी आरसीएच ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत संचालित विभिन्न कार्यक्रमों के महत्व को बताते हुए समस्त आशा बहनों, आशा संगीनियों एवं जनपद स्तरीय आशा सम्मेलन में उपस्थित सम्मानित प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। उन्होने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मातृत्व वन्दना योजना एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है, जिसमें प्रथम गर्भवती महिलाओं को तीन किश्तों में रू0 5000 का भुगतान मातृ एवं शिशु की देखभाल एवं पोषण के लिए गर्भवती महिला के बैंक खाते में हस्तान्तरित किया जाता है। जिसके अन्तर्गत जनपद आजमगढ़ में अब तक लगभग 45000 गर्भवती महिलाओं को लाभ मिल चुका है जो कि लक्ष्य के सापेक्ष 85 प्रतिशत की उपलब्धि है। इस कार्यक्रम में आशा बहनों का सहयोग आगे भी अपेक्षित रहेगा, जिससे शत प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति हो सके। आशा बहनों का भुगतान सितम्बर 2018 से एमआईएस आनलाईन से करने की व्यवस्था सरकार द्वारा की गयी है, जिसके क्रम में जनपद में समस्त आशाओं के भुगतान से संबंधित सूचना सन्देश के माध्यम से आशाओं के पंजीकृत मोबाइल नम्बर पर प्रेषित किया जाता है।
उन्होने बताया कि माह अप्रैल 2019 से अगस्त 2019 तक 6 करोड़ लगभग एमआईएस से भुगतान किया जा चुका है। जिलाधिकारी,अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति के द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में नियमित रूप से आशाओं के भुगतान की समीक्षा की जा रही है, जिससे आशाओं का मनोबल कार्य करने हेतु बना रहे। आशाओं के नियमित व ससमय भुगतान करने से उनके कार्य करने की दिशा में आवश्यक सुधार देखा गया है। माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा आशाओं के भुगतान की नियमित रूप से समीक्षा हेतु समय समय पर निर्देश दिये जाते हैं। जनपद को स्वस्थ बनाने की प्रतिज्ञा आज सभी आशा बहने लेंगी कि स्वास्थ समाज के निर्माण में नियमित अपनी भूमिका निभाती रहेंगी।
रिपोर्टर:-राकेश वर्मा आजमगढ़