जिम्मेदार कर रहे नजर अंदाज: 600 बच्चों की जान को खतरे में डालकर चल रहा प्राथमिक विद्यालय


बरेली- फतेहगंज पश्चिमी प्राथमिक विद्यालय प्रथम की स्थापना सन 1937 में हुई थी उसी के ऊपर 1994 में पूर्व माध्यमिक विद्यालय की स्थापना हो गई लगभग 81 वर्ष पुराने स्कूल की हालत जर्जर है लिंटर ईट छोड़कर गिर चुका है उसी में 431 बच्चों बच्चे पढ़ते हैं।तथा 8 स्टाफ है। और ऊपर पूर्व माध्यमिक विद्यालय में 120 बच्चे पढ़ते हैं जिसमे 9 स्टाफ है पांच टीचर तीन अनुदेशक है जो बारिश होने पर बच्चों के साथ कोने में खड़े होकर अपने कपड़े भीगने से बचाते है। प्रशासन से की बार शिकायत की लेकिन अभी तक विद्यालय में कोई काम नहीं कराया है ।प्राइमरी विद्यालय के प्रधानाचार्य दिव्या कुशवाहा ने बताया की स्टॉफ भी क्लास में जाने से मना कर रहा है कई अभिभावकों ने विरोध करा है कि वह बहुत गरीब है इस बजह से सरकारी स्कूल में भेज रहे है नही तो वह भी प्राइवेट स्कूल में बच्चों को पढ़ाते इस मे नही भेजते।लिंटर की ईंट आधी आधी नीचे गिर गई हैं जिससे बच्चों की जान को खतरा है।आज स्कूल आईं तो देखा कि लिंटर गिर गया तो उन्होंने इसकी सूचना फोन करके सी आर सी रमेश पपने को दी है । पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य देवकी नन्दन ने बताया कई बार प्रस्ताव भेजे लेकिन कोई काम नहीं हुआ। प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य ने अपनी तरफ से मेन गेट, टीन सेट, वाटर टैंक, पानी की टंकी मोटर, प्लांटेशन कराई है ।लेकिन सरकारी की कोई मदद नहीं मिली आज स्कूल खोला तो देखा तो कमरे का आधा लिंटर गिर चुका है तब बच्चे दूसरे कमरे में बैठा है पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य देवकीनंदन ने बताया पी प्रबंधन समिति के अध्यक्ष मोहम्मद निसार सिद्दीकी के साथ हम प्रस्ताव पास करके हमने ए बी एस ए को प्रस्ताव भी भेजा लेकिन जिओ ना आने के वजह से प्रस्ताव पास नहीं हुआ नगर पंचायत अधिशासी अधिकारी से भी मिले लेकिन उन्होंने जियो ना होने की वजह से प्रस्ताव टाल दिया अब जो भी काम कराया है अपने आप ही कराया है अब स्कूल का पूरा लिंटर पढ़ना है इसमें कई लाख रूपय का काम है वह तो हम अपनी जेब से नहीं करा सकते। प्रशासन बड़ी घटना का इंतजार कर रहा जो बिल्डिंग इतनी पुरानी है जिसका लिंटर ईंट छोंड़ कर गिर चुका है उसके ऊपर माध्यमिक विद्यालय है ।जिसमे करीब 600 बच्चों की जान खतरे में है।
– सौरभ पाठक,बरेली

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