राजस्थान/बाड़मेर – एक दो लाइन की क्लिप काट कर ट्रोल करने से कुछ नहीं होने वाला। जो सवाल उठाए हैं उसका आधार होता है। बाक़ी बहुत से दस्तावेज घूम रहे है। इसलिए जवाब इस बात का आए कि कब प्रधानमंत्री ने सड़क मार्ग से 140 किमी की यात्रा की है ? इस बार बठिंडा से हुसैनीवाला और वापसी का प्लान कब बना।
क्या आपको याद है जब 2017 के गुजरात चुनाव में प्रधानमंत्री अपनी सुरक्षा दांव पर लगाकर सी-प्लेन से उड़े थे ? जबकि SPG की स्पष्ट गाइडलाइन है कि जिन्हें यह सुरक्षा मिलती है उसे सिंगल इंजन वाले विमान में नहीं उड़ सकते हैं। लेकिन तब वोटरों में थ्रिल पैदा करना था। समर्थकों में इस स्टंट से जोश पैदा करना था। उस घटना को आप भूल गए होंगे लेकिन सवाल आज भी है कि एस पी जी ने अपनी ब्लू बुक से अलग जाकर प्रधानमंत्री को सिंगल इंजन वाले विमान में कैसे उड़ने दिया। क्या उस घटना को देखते हुए पंजाब की घटना के पीछे भाषणों से उदासीन हो रहे समर्थकों और मतदाताओं में जोश पैदा करने के लिए किया जा रहा है।
स्मरण रहे की पुलवामा में हमले के दो घंटे बाद प्रधानमंत्री फ़ोन से रैली को संबोधित कर रहे थे। रुद्रपुर की रैली उन्होंने फ़ोन से संबोधित की थी। तब सवाल उठा था कि जवान शहीद हुए हैं। देश पर हमला हुआ है और प्रधानमंत्री रैली की चिन्ता कर रहे हैं। 2016 में मौसम ख़राब होने के कारण बहराइच की सभा को उन्होंने फ़ोन से संबोधित किया था क्योंकि मौसम ख़राब होने के कारण उनका हेलिकाप्टर नहीं उतर सकता था। पंजाब के समय भी यही किया जा सकता था।
पंजाब की यह पूरी घटना पंजाब की जनता का सामना करने से बचने के लिए के लिए सिर्फ एक ड्रामा लगता है। इस घटना के बहाने यूपी के चुनावी भाषणों में जोश पैदा किया जाएगा। इंतज़ार कीजिए अगले भाषणों का। कैसे सब कुछ मैं मोदी मैं मोदी पर जाकर टिकेगा।
पिछले गुजरात विधान सभा के दौरान आयोग ने प्रधानमंत्री मोदी और राहुल गांधी के रोड शो पर रोक लगा दी। उसकी काट प्रधानमंत्री ने ये निकाली कि सिंगल इंजन वाले सी-प्लेन से साबरमती में उतर गए और पूजा करने चले गए। एस पी जी सिंगल इंजन प्लेन में प्रधानमंत्री को लेकर नहीं जा सकती है। उस समय सवाल उठा था कि वोट के लिए उन्होंने अपनी सुरक्षा दांव पर लगा दी। असम में उनकी ही पार्टी की सरकार है। काले झंडे दिखाए गए और दिखाने वालों पर केस भी दर्ज हुआ था।
सवाल का जवाब दें और आधिकारिक तौर पर दें। बात ख़त्म। ट्रोल कराने से कुछ नहीं होने वाला। आई टी सेल ने जनरल रावत के निधन के समय भी वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार को लेकर देश भर में झूठ फैला दिया कि उन्होंने उनकी पत्नी को लेकर सवाल उठाए हैं जबकि उनहोंने कहीं कुछ कहा नहीं था। आप देश को जवाब दीजिए। कभी जाप तो कभी हवन कर धार्मिक कार्य को नौटंकी में मत बदलिए। सबको पता है कि देवाधिदेव महादेव भौलिये री कृपा से महामृत्युंजय का जो जाप कराता है सुबह से व्रत पर रहता है। इतने नेता जाप के नाम पर वाहवाही लूटने गए थे किस किस नेताओं ने पूरी विधि विधान से महामृत्युंजय का जाप किया यही तो ऊपर वाले भौले शकर जाणे ?
– राजस्थान से राजूचारण