बरेली। शहर मे मेट्रो संचालन के लिए जमीन की मजबूती परखने जयपुर से टीम बरेली आ गई है। यह टीम 30 मीटर गहराई तक की मिट्टी की गुणवत्ता परखेगी। दो चरणों में प्रस्तावित मेट्रो संचालन के लिए टीम कुल 18 बिंदुओं पर पड़ताल करेगी। रिपोर्ट से यह साफ होगा कि मेट्रो के पिलरों का भार उठाने के लिए यहां की जमीन सक्षम है या नही। दो साल पहले शुरू हुई शहर में मेट्रो संचालन की कवायद अब धरातल पर उतरती नजर आ रही है। शहर में पहले चरण में 12 किमी और दूसरे चरण में 9.5 किमी रूट पर मेट्रो के संचालन की योजना बनाई गई है। शासन ने बीडीए को मेट्रो की डीपीआर से लेकर नक्शे और रूट के सर्वेक्षण तक की जिम्मेदारी सौंपी थी। बीडीए (बरेली विकास प्राधिकरण) ने राइट्स (रेल इंडिया टेक्निकल एंड इकोनॉमिक सर्विस) को इसकी जिम्मेदारी दी है। 25 सितंबर को बीडीए और राइट्स के अधिकारियों की बैठक भी हुई थी। अब जमीन के सर्वेक्षण के लिए बुधवार को जयपुर की टीम शहर आ गई है। शहर में मेट्रो या लाइट मेट्रो का संचालन होगा, इस पर अंतिम निर्णय 15 अक्टूबर तक किया जाएगा। 2056 तक के लिए अनुमानित रोजाना 7 लाख यात्रियों की संख्या को ध्यान में रखते हुए यह तय किया जाएगा कि मेट्रो या लाइट मेट्रो किस विकल्प को अपनाया जाए। इस संबंध में सर्वेक्षण चल रहा है, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ होगी। मेट्रो संचालन के लिए अनुमानित खर्च 3,000 से 5,000 करोड़ रुपये के बीच है। इस राशि में भूमि अधिग्रहण, इन्फ्रास्ट्रक्चर निर्माण, ऑपरेशन और मेंटीनेंस शामिल होंगे। राइट्स ने पहले चरण की डीपीआर बीडीए को सौंप दी है, जबकि दूसरे चरण की डीपीआर इस सप्ताह के अंत तक दी जाएगी। बीडीए उपाध्यक्ष मनिकंडन ए. ने कहा कि जमीन की जांच शुरू करा दी गई है। डीपीआर इस माह के अंत तक पूरी हो जाएगी। जिसमें यह साफ हो जाएगा कि मेट्रो चलेगी या लाइट मेट्रो।।
बरेली से कपिल यादव