आज भाजपा की केन्द्र सरकार पूरी तरह से रिपब्लिक भारत के वरिष्ठ पत्रकार अर्णव गोस्वामी के साथ खड़ी दिख रही है और होना भी चाहिए पर अन्य पत्रकारों के लिए क्यों नहीं। वरिष्ठ पत्रकार अर्णव गोस्वामी पर महाराष्ट्र सरकार द्वारा द्वेष भावना से की गयी कार्यवाही निंदनीय है और जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया इसका विरोध भी करती है।
जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने कहा कि अर्णव एक बड़े चैनल के पत्रकार है उनकी लडाई लड़ने के वरिष्ठ वकीलों के पैनल खड़े है जो उनकी बात को देश के सर्वोच्च न्यायालय तक पहुंचा रहें है किन्तु छोटे बैनरो के पत्रकारो के लिए यह संभव नही। आज देश में न जाने कितने ऐसे पत्रकार है जो आये दिन प्रताड़ित होते है उन्हे धमकाया भी जाता है और मुकदमो मे भी फंसाया जाता है उन पर हमला भी होता है जिसके चलते कितने ही पत्रकार साथी अपनी जान तक गवां चुके है।आज भाजपा की केन्द्र सरकार हो या अन्य राज्यो की भाजपा सरकार सब अर्णव के साथ खड़ी है और यह सराहनीय भी है पर क्या केन्द्र सरकार को अन्य पत्रकारो की पीड़ा दिखाई नही देता। सभी पत्रकार संगठन देश के पत्रकारों के लिए पत्रकार सुरक्षा कानून और मीडिया आयोग बनाने की मांग काफी लंबे समय से कर रहे है।किन्तु सरकार इस पर ध्यान ही नहीं देती।क्या सरकार को अन्य पत्रकार नजर ही नहीं आते।
जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया देश के सभी पत्रकारों का आव्हान करती है कि एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़े। जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया देश के गृह मंत्री माननीय अमित शाह जी से अनुरोध करती है देश के अन्य पत्रकारों की समस्याओ पर भी ध्यान दे और जल्द से जल्द संगठन की दो महत्वपूर्ण मांगो पत्रकार सुरक्षा कानून और मीडिया आयोग की मांग को पूरा करे।
जब अर्णव के साथ केन्द्र सरकार तो अन्य पत्रकारों के साथ क्यों नही:जेसीआई
