छोटे दलों की भूमिका भी हो सकती है अहम:उत्तराखंड मे नतीजों के बाद की तैयारी में जुटीं कांग्रेस-भाजपा

देहरादून – विधानसभा चुनाव की मतगणना से पूर्व उत्तराखंड में सरकार बनाने की कवायद करने के लिए भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज देहरादून में अभी से डेरा डाले हुए हैं। 2016 में हरीश रावत की सरकार गिराने वाले और कांग्रेस में बगावत करवाने के सूत्रधार भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय देहरादून पहुंच चुके हैं। उन्होंने देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, त्रिवेंद्र सिंह रावत, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ संयुक्त बैठक की और चुनाव परिणाम आने के बाद भाजपा की सरकार बनाने की रणनीति पर विचार विमर्श किया। इस बैठक में केंद्रीय मंत्री और भाजपा के केंद्रीय चुनाव प्रभारी प्रल्हाद जोशी तथा भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री समेत कई आला नेता शामिल थे।

वहीं, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा सत्ता में नहीं आ रही है इसलिए तोड़फोड़ और विधायकों की खरीद-फरोख्त के माहिर कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा आलाकमान ने देहरादून भेजा है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत दिल्ली में पार्टी आलाकमान से विचार-विमर्श करने के बाद देहरादून लौट आए हैं और विजयवर्गीय के बिछाए जाल को किस तरह से काटना है, इस रणनीति पर कांग्रेस के नेताओं से सलाह मशविरा कर रहे हैं।

वहीं कांग्रेस आलाकमान ने हरियाणा के कांग्रेस के नेता दीपेंद्र हुड्डा को पर्यवेक्षक बनाकर देहरादून भेजा है जो चुनाव परिणाम आने के बाद कांग्रेस की आगामी रणनीति बनाने को लेकर राज्य के कांग्रेस के नेताओं से विचार-विमर्श कर रहे हैं। हरीश रावत ने दावा किया है कि कांग्रेस राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही है। जनमत कांग्रेस के पक्ष में ही होगा। नतीजा पूर्व सर्वेक्षण चाहे कुछ भी कहें, उन्होंने कहा कि 2016 में उनकी सरकार गिराने की साजिश रचने वाले कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा ने देहरादून में भेज कर परोक्ष रूप से अपनी हार स्वीकार कर ली है और और फिर एक बार उत्तराखंड में लोकतंत्र खतरे में है।

कांग्रेस के बड़े नेता छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मोहन प्रकाश व देवेंद्र यादव भी देहरादून पहुंच रहे हैं। कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह का कहना है कि राज्य की जनता ने तय कर लिया है कि भाजपा की सरकार को हटाकर कांग्रेसी सरकार बनानी है और कांग्रेस का मुख्यमंत्री कौन होगा यह पार्टी आलाकमान तय करेगा। भाजपा के प्रदेश चुनाव प्रभारी केंद्रीय प्रल्हाद जोशी ने कहा कि हम इस चुनाव में पूर्ण बहुमत पा रहे हैं। हम सरकार बनाएंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने कहा कि हम जनता के आशीर्वाद से पूर्ण बहुमत प्राप्त कर रहे हैं। उधर, मतदान के बाद से ही कांग्रेस डाक मतपत्रों में गड़बड़ी का मुद्दा उठा रही है।

इस संदर्भ में हरीश रावत मतदान करते कुछ फौजियों का वीडियो जारी कर केंद्रीय व राज्य चुनाव आयोग से जांच की बात उठा चुके हैं। इस मुद्दे पर पिथौरागढ़ पुलिस सेना के कुछ जवानों को समन भी जारी कर चुकी है। इसके अलावा कई दिवंगत व रिटायर्ड फौजियों को भी मतपत्र भेजे जाने को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल व प्रीतम सिंह एक बड़े फर्जी मतदान की आशंका भी जता चुके हैं।

छोटे दलों की भूमिका भी हो सकती है अहम

उत्तराखंड में 1 लाख 70 हजार डाक मतदाता हैं। इस बार 80 साल से ज्यादा के बुर्जुगों तथा दिव्यांगजनों को घर से ही वोट देने का अधिकार दिया गया। घर से वोट देने की श्रेणी में 16 हजार 858 मतदाता हैं। कांग्रेस का कहना है कि घर से वोट देने की सहूलियत की आड़ में भी भाजपा ने घपला किया। इसके अलावा प्रदेश मे नौकरीपेशा मतदाताओं की तादाद 94 हजार 471 है।

10 मार्च को किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने पर भाजपा मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस समेत बसपा, उक्रांद व निर्दलीय खेमों में तोड़फोड़ कर राज्य की राजनीति में उथल-पुथल मचा सकती है। 14 फरवरी को मतदान के बाद मिली जानकारी के मुताबिक राज्य की 70 विधानसभा में से 7 से 10 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी, उत्तराखंड क्रांति दल व निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत की उम्मीद बन सकती है। ऐसे में 60 से 65 सीटों में से बहुमत का जादुई आंकड़ा 36 हासिल करने में कांग्रेस और भाजपा को मुश्किल आ सकती है।

विजयवर्गीय को लेकर आगाह किया हरीश रावत ने

राजनीतिक पंडितों का कहना है कि यदि कांग्रेस सबसे बड़े दल के तौर उभरे लेकिन बहुमत के आँकडे से दूर रहे तो ऐसे में 2016 में कांग्रेस फुट कराने वाले भाजपा के विजयवर्गीय के फार्मूले पर सत्ता कब्जाने की पूरी कोशिश की जाएगी। ऐसे में भाजपा ने अभी से ही जीत सकने वाले विभिन्न दलों से संपर्क करना शुरू कर दिया है।

– रूड़की से इरफान अहमद

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