बरेली। महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय में स्नातक और परास्नातक अंतिम वर्ष की परीक्षाएं जुलाई मध्य में प्रस्तावित है। बाकि सभी क्लास के छात्र-छात्राओं को प्रमोट कर दिया गया है। अब चर्चाए ये भी आने लगी कि बोर्ड के नियम की तर्ज पर यूनिवर्सिटी की अंतिम वर्ष की भी परीक्षा को निरस्त कर प्रमोट किया जा सकता है। ऐसा चर्चा होते ही तमाम छात्र-छात्राएं मांग करने लगे कि परीक्षा को निरस्त न कराकर सही माहौल होने पर परीक्षा जरूर कराई जाए। इस बार यूनिवर्सिटी परीक्षा ने परीक्षा का समय भी कम कर दिया है और परीक्षा में प्रश्नो की सख्या को भी कम कर दिया गया है। छात्र और शिक्षक भी मांग करने लगे है कि बाकि क्लास के छात्रों की भी परीक्षा को किसी न किसी नियम पर जरूर कराया जाए। कुछ ने तो विकल्प प्रश्नोत्तर नियम पर ही परीक्षा कराने की मांग की। इस नियम मे एक प्रश्न के चार विकल्प उत्तर होते है जिसमे में से एक सही और तीन गलत होते है। यदि इस नियम पर परीक्षा कराई जाती है तो परीक्षा भी जल्द ही कराई जा सकेगी और इन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन भी बेहद कम समय में हो जाएगा। परीक्षा यदि ओएमआर सीट पर होती है तो इन कॉपियो को चैक करने के लिए शिक्षकों की आवश्यकता ही नहीं पड़ेगी। उत्तर पुस्तिकाओं को स्कैन मशीन के माध्यम से कुछ ही दिनो में लाखों छात्र-छात्राओं की उत्तर पुस्तिकाओं का मुल्यांकन हो जाएगा। बीए के छात्र विकास ने बताया कि सभी बोर्ड ने परीक्षा निरस्त कर दी है। लगता है यूनिवर्सिटी भी निरस्त कर सकता है। हमारी मांग है कि परीक्षा निरस्त करने के स्थान पर विकल्प प्रश्नोत्तर की तरह ही परीक्षा हो जाए। इससे समय भी बचेगा और कॉपी भी कुछ ही दिनों में चैक हो जाएगी। परीक्षा निरस्त होने से छात्रों को आगे परेशानी होगी। बीसीए के छात्र देवांश सारस्वत ने बताया कि परीक्षा निरस्त होने और प्रमोट के नियम से सबसे ज्यादा परेशानी होनहार छात्रों को हुई है। अब हम सभी एक ही श्रेणी में आ जाएगे। यदि दूरी बनाकर बेहद कम प्रश्नों के साथ परीक्षा हो जाए तो हमे पता रहेगा कि जो हमने परीक्षा की तैयारी की है, हम इसमें कितने सफल हुए है और अभी टॉपर बनने के लिए कितनी मेहनत करनी बाकी है। बीकॉम ऑनर्स के छात्र शिव प्रजापति ने बताया कि पिछले साल भी हमको प्रमोट की मार्कशीट मिली अब इस वर्ष भी प्रमोट किया जा रहा है। हम ऐसी मार्कशीट का क्या करेंंगे जिस पर प्रमोट ही लिखा होगा। क्योंकि एडमिशन और जॉब इंटरव्यू में सब एक ही लाइन में लगे होंगे तो सबसे ज्यादा परेशानी होगी। सरकार भी सोचना चाहिए कि किसी भी नियम पर हो सके तो परीक्षा जरूर कराए।।
बरेली से कपिल यादव