बरेली। सूर्योपासना के पर्व छठ पूजा पर 36 घंटे का निर्जला व्रत रखकर महिलाओं ने मंगलवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारायण किया। त्याग, तपस्या, सुख व समृद्धि के महापर्व डाला छठ पर रामगंगा, देवरनियां नदी समेत श्री शिव पार्वती मंदिर इज्जतनगर, विश्वविद्यालय परिसर, धोपेश्वरनाथ मंदिर, तपेश्वरनाथ मंदिर समेत अन्य स्थानों पर आस्था का सैलाब उमड़ा। न उम्र का बंधन, अमीरी-गरीबी की खायी से मुक्त हर कोई छठी मइया की स्तुति में लीन दिखा। कार्तिक शुक्ल पक्ष की सप्तमी पर हजारों निर्जला व्रती महिलाएं परिवार के सदस्यों के साथ घाट पर पहुंची। उन्होंने गन्ने का मंडप बनाकर छठी मइया का पूजन किया। इसके बाद व्रती महिलाओं ने सूर्यदेव के निकलने से पहले पानी में घुसकर उगते सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार की दीर्घायु व उनके सुख-समृद्धि की कामना की। व्रती महिलाएं जोड़ा कल सुपवा लिहले वरती पुकारे…, कोपि-कोपि बोलेली छठीय माई…. सुपली में नरियर नीमुवा सेउवा…, छठी माई दिहले बाड़ी गोदी में ललनवा…. बाटै जै पूछेले बटोहिया ई भार केकरै घरै जाए…, छठी मईया बड़ी पुष्यात्मा ई भार छठी घाटे जाए… जैसे गीत गाते हुए घाट तक पहुंची। व्रती महिलाओं के साथ पुरूष सिर पर बांस की टोकरी में सूप, फल, सब्जी और पूजन की अन्य सामग्री (डाला) लेकर चल रहे थे। उत्साहित बच्चे व परिवार की महिलाएं बाजे-गाजे के साथ नाचते झूमते आगे बढ़ रहे थे। परिवार संग घाट पर पहुंची महिलाओं ने बनाई गई बेदी के पास बैठकर सर्वप्रथम चारो ओर गन्ने का मंडप तैयार किया। जहां पर छठी मइया का विधिवत पूजन किया और उगा हे सूरज देव भयल भिनसहरा, अरघ केरे बेरवा…. कांच ही बांस के बहंगिया बहंगी लचकत जाए…, जैसे भक्ति गीत गाए और भोर में उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। छठी मइया से पुत्र एवं परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इसमे प्रसाद के रूप मे ठेकुआ, गुड़, अंकुरित चना, नारियल और मौसमी फल ग्रहण किया। शहर में इज्जतनगर स्थित शिव पार्वती मंदिर, यूनिवर्सिटी में बने शिव पार्वती मंदिर, छपरा कालोनी, सिद्वार्थनगर, धोपेश्वर नाथ, रामगंगा, गिरधारीपुर में प्रती महिलाओं ने सामूहिक रूप से सूर्य देव को अयं अर्पित किया। शहर में कई जगह व्रती ने घरों की छतों पर वैकल्पिक व्यवस्था करके ही उदयागामी सूर्य को अर्ध्य दिया।।
बरेली से कपिल यादव
