बरेली। छठ पूजा महापर्व के तीसरे दिन सोमवार की शाम व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। व्रतियों ने संतान की रक्षा, दीर्घ आयु और घर-परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद हवन-पूजन होगा। पारण कर व्रती व्रत तोड़ेंगे। रुहेलखंड विश्वविद्यालय के श्री शिव शक्ति पीठ मंदिर में छठ पूजा के लिए घाट बनाए गए थे। समूह में महिलाएं ही बांस की बहंगिया, बहंगी लचकत जाए…. केलवा के पात पर उगले सूरज देव…. ए हो दीनानाथ… समेत अन्य कई पारंपरिक गीत गाते हुए घाटों पर पहुंचने लगी। अपराह्न तीन बजे से ही श्रद्धालुओं ने टोकरी छाज और छबड़ों में (इन्हें दउरा भी कहते हैं, जो बांस के बने होते हैं) ठेकुआ, चावल, फल, गोला, नारियाल, अननास, सेब, गन्ना, नीबू, कंदमूल फल, हल्दी, केले, पकवान आदि सामान लेकर घाट पर पहुंचना शुरू कर दिया। व्रतियों ने नदी में खड़े होकर छठी मईया और सूर्यदेव की आराधना की। सूर्यास्त आरंभहोते ही श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से सराबोर होकर अर्ध्य देना शुरू कर दिया। श्रद्धालुओं ने देवरनियां नदी, इज्जतनगर रेलवे कॉलोनी, रामगंगा घाट, नकटिया और रुहेलखंड विश्वविद्यालय परिसर में बने घाटों पर छठ पूजा की। व्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया। परिवार, समाज के कल्याण की कामना की। 28 अक्तूबर मंगलवार को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देकर हवन होगा। पारण के साथ ही चार दिवसीय सूर्योपासना का महापर्व छठ संपन्न होगा।।
बरेली से कपिल यादव
