बरेली। चौपुला चौराहा पर ओवरब्रिज निर्माण के नाम पर बीते 1 दिसंबर से 75 दिनों के लिए वहां से आवागमन पर पाबंदी लगा दी गई थी। अब 45 दिन बीत चुके हैं बच्चे 30 दिनों में राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। 20 नवंबर 2018 को चौपुला पुल का निर्माण शुरू हुआ था। 2 साल से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी चौकी चौराहा की ओर से किला की ओर का केवल 800 मीटर लंबाई का हिस्सा भी बन कर तैयार नहीं हो पाया है। वहीं चौपुला चौराहा से आवागमन बंद करने के कारण शहर की आधी आबादी की दुश्वारियां बढ़ गई। 1 दिसंबर को आवागमन पर पाबंदी लगाई गई थी। इन 44 दिनों में केवल चौपुला चौराहा पर ही निर्माण फोकस रहता तो कम से कम कुतुबखाना की ओर का रास्ता खोला जा सकता था। मगर इस दौरान अनदेखी बढ़ती गई। चौपुला चौराहा के पिलर की कास्टिंग तक नहीं कराई गई। बचे 30 दिनों में निर्माण होना संभव नहीं है। ऐसे में इस अवधि में राहत की कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है। अभी तक चौकी चौराहा की ओर से सिटी की ओर के चौपुला पुल का निर्माण पूरा नहीं हो सका है। इसके बाद ब्रांच पुल का निर्माण भी होना है। इससे बदायूं रोड बाले पुल से जोड़ने के दौरान भी सुरक्षा का हवाला देकर यहां से आवागमन बंद किया जाएगा। इसके बाद इसे अयूब खां चौराहा की ओर भी जोड़ा जाना है। वैसे तो चौपुला चौराहा से हर दिशा का आवागमन बंद कर दिया गया है। वहीं जंक्शन की ओर से माल गोदाम वाली रोड से आने वाले वाहन चौपुला की पीली कोठी के पास से गुजर रहे हैं। जिन्हें वही तैनात ट्रैफिक सिपाही भी नहीं रोकते है। अक्सर ऑटो की तादाद ज्यादा होने पर इस दिशा में जाम के हालात भी बन जाते है। किला की ओर रहने वाले लोगों के लिए चौपुला पुल की ओर का रास्ता बंद है। किला की ओर से शहर को आने वाले लोगों को बिहारीपुर, मणिनाथ, नेकपुर के रास्तों से गुजरना पड़ता है। जब सिटी रेलवे कॉलोनी की ओर का रास्ता वनवे है। यहां से जंक्शन से माल गोदाम की ओर से आने वाला ट्रैफिक गुजारा जा रहा है। वहीं श्मशान भूमि के पास एक और रास्ता निगम ने को डाला है। वही एक और नाला निर्माण करके उसकी निकली मिट्टी सड़क पर ही फैली छोड़ दी गई है। जिससे किला की ओर रहने वाले लोगों के लिए आफत हो गई है।।
बरेली से कपिल यादव