चुनाव में भी अपनी अहमियत दिखाने का मादा रखते है हाजी सहजाद

रूडकी/हरिद्वार- विधान सभा के दो चुनाव लगातार मामूली अंतर से हार जाने वाले आज भी उत्तराखंड प्रदेश की राजनीति में कद्दावर नेता की छवि बनाये रखने वाले पूर्व विधायक हाजी सहजाद को भले ही विरोधी हल्के में आंक कर चल रहे हो ,लेकिन जनपद हरिद्वार में उनके समर्थकों की लंबी फ़ौज व वोट बैंक के चलते आगामी नगर निकाय चुनाव व 2019 के लोक सभा चुनाव में उनका जलवा कम आंकना ही विरोधियो को भारी पड़ेगा। ऐसी चर्चा जनता में बनी हुई है। जनपद हरिद्वार ही नही सहजाद के समर्थक व वोट बैंक का जलवा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज्जफरनगर व सहारनपुर में बरकार है हालांकि हाजी सहजाद के पुत्र के शादी समाहरोह में भाजपा सरकार के पहुंचने से खिन्न होकर बहुजन समाज पार्टी ने जो उनको तीसरी बार पार्टी से बिना कुछ सोच समझ कर जनाधर वहीं कथित नेताओ के दबाव में पार्टी से निष्कासित किया गया है उसका खमियाजा उत्तराखंड में बसपा को तो भुगतना ही पड़ेगा जिसका असर बसपा पार्टी के विधानसभा समीक्षा बैठको में साफ दिखाई दिया है अब हाजी सहजाद अपने समर्थकों को जनपद भर में मिलकर अपने साथ हुवे अत्याचार से अवगत कराकर फिर से दलित मुस्लिम व अन्य लोगो के भाई चारे को कायम कर ने पर बल दे रहे है भले ही विरोधी सहजाद को कम आंक ने व उसकी राजनीति को खत्म बताकर रहे हो ।जबकि हर पार्टी का नेता व हाई कमान सहजाद के कद को भलीभांति जनता है ओर उनके द्वारा दस साल के विधायक के कार्यकाल में कराए गए विकास कार्यो से जनता भी बखूबी वाकिफ है ओर जनता का समर्थन व प्यार जनपद हरिद्वार ही नही पूरे प्रदेश में मिलता दिखाई दे रहा है और विधायक सहजाद भी जनता जनता के काम को अपना काम समझकर दिनरात मेहनत कर रहे है ।अब यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि हाजी सहजाद किस दल में रहकर आगे की राजनीति को अमली जामा पहनाएंगे । हालांकि हाजी सहजाद ने बसपा द्वारा निष्कासन के बाद देहरादून में प्रेस कर कहा था कि में आगे किसी दल में अभी नही जा रहा हूँ ओर में अपना संगठन खड़ाकर 2022 तक जनता में जाकर संगठन को मजबूत कर जनता के कार्यो पर ध्यान दूंगा उन्होंने किसी पार्टी में जाने को भी अभी जल्दबाजी करार दिया था जबकि पूर्व विधायक अब शांत स्वभाव से पूरे जिले में दलित ,मुस्लिम पिछडो,किसान मजदूर,नोजवानो व सर्वसमाज को इक्क्ठा करने में लगे है और जनता का प्यार भी उनको मिलता दिखाई देने लगा जिसका विरोधियो को नगर निकाय चुनाव से असर भी दिखाई देगा ओर विरोधियो को मुहँ की खानी पड़ेगी ऐसी चर्चा जनता के बीच बल पकड़ती नजर आ रही है।

– रूडकी से इरफान अहमद की रिपोर्ट

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