फरीदपुर, बरेली। रिश्वतखोरी का आरोपी चकबंदी कार्यालय का पेशकार रजत चौधरी जेल जाने से पूर्व किसानों के लिए एक नई मुसीबत खड़ी कर गया। 15 हजार की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़े जाने के बाद उसने उस अलमारी की चाबी छुपा दी। जिसमें कोर्ट के अभिलेख रखे थे। अलमारी की चाबी न होने की वजह से शुक्रवार को जमीन संबंधी मुकदमों की सुनवाई नही हो सकी। कोर्ट को वादकारियों को अगली तारीख देनी पड़ी। मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा थाना क्षेत्र के रूपपुर टंडौला का रजत चौधरी फरीदपुर चकबंदी कार्यालय मे पेशकार था। फरीदपुर के पदारथपुर गांव के मोहम्मद आदिल को उनकी दादी नूरजहां ने कई वर्ष पहले आठ बीघा जमीन दान मे दी थी। पदारथपुर गांव में चकबंदी प्रक्रिया शुरू हुई तो चकबंदी अधिकारी ने उनकी दान की जमीन का दाखिल खारिज करने पर आपत्ति लगा दी। उन्होंने चकबंदी कार्यालय मे मुकदमा दायर किया और दाखिल खारिज के लिए पेशकार रजत चौधरी से बात की तो उसने 25 हजार रुपये रिश्वत मांगी। इस पर आदिल ने एंटी करप्शन के प्रभारी निरीक्षक प्रवीण सान्याल से शिकायत की। 15 हजार रुपये गुरुवार दोपहर आदिल उसे रिश्वत देने पहुंचे और उन्होंने जैसे ही रकम पेशकार रजत चौधरी को दी एंटी करप्शन टीम ने उसे दबोच लिया। मामले मे एफआईआर के बाद रजत चौधरी को जेल भेज दिया। शुक्रवार को चकबंदी कार्यालय के अधिकारी और कर्मचारी दफ्तर पहुंचे तो अभिलेखों की अलमारी की चाबी नही मिली। इसके बाद उन्होंने वादकरियों को अगली तारीख देकर रवाना कर दिया। चकबंदी विभाग के सीओ श्याम नारायण अग्निहोत्री ने बताया कि चाबी के बारे मे जानकारी की जा रही है।।
बरेली से कपिल यादव
