राजस्थान/बाड़मेर- जिला प्रशासन को बाड़मेर मेडिकल कॉलेज मे भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थी इस पर कलेक्टर टीना डाबी ने पिछले सप्ताह ही आदेश निकालकर मेडिकल कॉलेज की जांच करने के निर्देश दिए थे बाड़मेर एसडीएम यशार्थ शिखर, सीएमएचओ विष्णुराम विश्नोई, बीसीएमएचओ, तहसीलदार सहित सात सदस्यों की कमेटी निरीक्षण करने के लिए बाड़मेर मेडिकल पहुंची।
सोशलमीडिया पर वायरल खबरों के मुताबिक प्रभारी डाक्टर महावीर चोयल निरीक्षण करने आई टीम के पास गया उनसे कहा कि प्रिसिंपल ने पूछा है कि कौन कौन आया है और किस संबंध में निरीक्षण करने के लिए आए हो, जिला प्रशासन द्वारा आयोजित होने वाली मीटिंग में आने वाले अधिकारियों से परिचित लेकिन डाक्टर चोयल से अनभिज्ञ एसडीएम बाड़मेर ने महावीर चोयल से पूछा आपका परिचय इतना पूछते ही डाक्टर चोयल अपने आप को अपमानित समझते हुए अभद्र एवं अमर्यादित व्यवहार किया और अपने साथियों से कहा कि प्रिंसिपल कौन होता है, प्रिंसिपल ने भेजा है तो क्या मेरे सर पर आकर बैठेगा क्या, साथ ही प्रिसिंपल और चोयल को इगित करते हुए अशोभनीय टिप्पणियां की लेकिन डाक्टर शान्ति से मरीजों का इलाज किया करते हैं ऐसे व्यवहार से तो शायद मरीजों को इनके पास इलाज के लिए आने की तो जरूरत नहीं होगी।
डॉक्टरों ने एसडीएम पर बदसलूकी का आरोप लगाया है नाराज डॉक्टर्स जिला कलेक्टर टीना डाबी से मिलने उनके घर के बाहर बड़ी सख्या में पहुंचे और मेडिकल कॉलेज में व्याप्त भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की मांग करने के साथ ही शासन सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग के नाम का ज्ञापन भी सौंपा। जिला कलेक्टर आवास जाने से पहले जिला हॉस्पिटल के पीएमओ चैंबर में मीटिंग करते हुए मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर बोले- एसडीएम मांगी मांगे और पैरामेडिकल स्टाफ के साथ भी अभद्रता की गई थी।
अस्पताल के मुख्य द्वार पर मिले एक मरीजों के रिश्तेदार ने कहा कि बाड़मेर मुख्यालय पर सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल में काम करने वाले सभी कर्मचारियों से ड्रेस कोड और उनके गले में नहीं पहनें हुए कार्ड मांगें और उनका भी पूछना चाहिए, अगर कमेटी ने डॉक्यूमेंट मांगे, वो पहले उपलब्ध करवाते जो उनके मुताबिक अशोभनीय बाते थी कलेक्टर ने जांच करने का आश्वासन दिया है कल काली पट्टी बांधकर डाक्टर अपनी विरोध दर्ज करवाएंगे और सोमवार से दबाव की राजनीति बनाकर कार्य बहिष्कार किया जाएगा लेकिन राज्य सरकार द्वारा मिलने वाली सरकारी तनख्वाह मरीजों के इलाज करने के लिए मिलती है। नेतागिरी करने के लिए अस्पताल की जगह सीधे अपने अपने विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ो और अपनी काबिलियत दिखाओ लेकिन अगर आपका जमींर जिन्दा है तो अस्पताल की बदहाल व्यवस्थाओं का ढर्रा जरूर सुधारों ताकि लोग कहें वाह डाक्टर साहब वाह।
भारतीय प्रशासनिक अधिकारी और एसडीएम यशार्थ शेखर का कहना है- मेडिकल कॉलेज में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर जिला कलेक्टर टीना डाबी ने कमेटी बनाकर औचक जांच करने के निर्देश दिए थे जांच में अनियमितताएं पाई गई है उससे ध्यान भटकाने के लिए इस तरीके के आरोप लगा रहे हैं और घोटाले की बात अगर गलत है तो सरकारी कर्मचारीयों को शांत रहकर सहयोग करना चाहिए था न की हो हल्ला मचाकर हुडदंग करना।
– राजस्थान से राजूचारण
