*पीड़ित ने डीएम और सीडीओ को पुनः शिकायती पत्र देकर की कार्रवाई की मांग
बहरिया/ प्रयागराज- विकास खंड बहरिया में प्रधानमंत्री आवास के आवंटन में किस प्रकार की धांधली बरती जा रही है। इसका जीता-जागता उदाहरण विकास खंड के यासीनपुर उर्फ करनाईपुर ग्राम पंचायत में देखने को मिला है। जहां प्रधानमंत्री आवास के लाभार्थी से मोटी रकम नहीं मिलने से नाराज ग्राम विकास अधिकारी ने उसे अपात्र करते हुए प्रियारिटी सूची उसका नाम डिलीट करवा दिया। भुक्तभोगी ने इसकी शिकायत जिले के उच्चाधिकारियों से शिकायत की। शिकायत में ग्राम विकास अधिकारी दोषी भी पाया गया, किंतु ब्लाक और अन्य अधिकारियों के कृपा पात्र होने के चलते ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ ना तो कोई कार्रवाई की गई और ना ही भुक्तभोगी को आवास आवंटित किया गया। जिसके बाद भुक्तभोगी ने पुनः जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को शिकायती पत्र देकर आरोपी ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
बता दें कि यासीनपुर उर्फ करनाईपुर गांव निवासी गोविंद प्रसाद पुत्र कल्लू ने जून महीने में मंडलायुक्त, जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया था कि मेरा नाम आवास पात्रता सूची में था। किंतु यासीनपुर उर्फ करनाईपुर ग्राम पंचायत के ग्राम विकास अधिकारी हरीओम ने उसे आवास देने के लिए मोटी रकम देने के लिए कहा। ग्राम विकास अधिकारी को मोटी रकम नहीं दिये जाने पर उसने गोविंद प्रसाद को अपात्र करते हुए प्रियारिटी सूची से नाम हटवा दिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए उच्चाधिकारियों ने मामले की जांच करने के लिए तत्कालीन बीडीओ श्रीश गुप्ता को आदेशित किया। जिसके बाद बीडीओ ने एडीओ कृषि शोभित मिश्रा, एडीओ सांख्यिकी रविकांत त्रिपाठी और अवर अभियंता लघु सिंचाई हौसिला प्रसाद मिश्रा की त्रिस्तरीय टीम गठित कर दी। जिसके बाद त्रिस्तरीय टीम ने मौके पर जाकर मामले की जांच की। जांच में टीम ने गोविंद प्रसाद को आवास के लिए पात्र पाया। इसके साथ ही ग्राम विकास अधिकारी को दोषी पाया। जिसकी रिपोर्ट टीम ने तत्कालीन बीडीओ श्रीश गुप्ता को सौंप दी। जिसके बाद बीडीओ ने ग्राम विकास अधिकारी से मामले में कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए मामले की जानकारी जिले के उच्चाधिकारियों को दी। बीडीओ का पत्र मिलने के बाद परियोजना निदेशक ने ग्राम विकास अधिकारी हरिओम के खिलाफ विभागीय जांच और अनुशासनिक कार्रवाई करने के लिए बीडीओ को आदेश दिया। इसके बाद भी अधिकारियों ने ग्राम विकास अधिकारी हरिओम पर मेहरबानी करते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति नहीं की। गोविंद प्रसाद ने बुधवार को पुनः जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी को शिकायती पत्र देते हुए दोषी ग्राम विकास अधिकारी हरिओम के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की। यहां अब ये देखना होगा कि दोषी ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ अधिकारी कार्रवाई करते हैं या अपनी मेहरबानी करते हुए उसे बचाते हैं।
प्रकरण मेरे संज्ञान में नहीं है। यदि अधिकारियों का कोई आदेश मिलता है तो उसका अनुपालन किया जाएगा।
हनुमान प्रसाद वर्मा
प्रभारी बीडीओ, बहरिया