बरेली। ग्राम पंचायतों में विकास कार्यों में गड़बड़ी की जांच के लिए डीएम ने ब्लॉक वार टीमों को गठन किया था। एक ब्लॉक के लिए एक टीम बनाई गई। हाल ही में हाईकोर्ट ने सहायक सेवायोजन अधिकारी को जिला स्तरीय अधिकारी नही माना। भ्रष्टाचार मे घिरे खमरिया गोपाडांडी के प्रधान को स्टे दे दिया। डीएम ने जांच टीमों में बदलाव कर दिया। सहायक सेवायोजन अधिकारी और क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी को जांच टीमों से हटा दिया। दमखोदा ब्लॉक के खमरिया गोपाडांडी के ग्रामीणों ने डीएम को शपथ पत्र देकर विकास कार्यों में गड़बड़ी की शिकायत की थी। डीएम ने सहायक सेवायोजन अधिकारी और जिला पंचायत के सहायक अभियंता की संयुक्त टीम को मामले की जांच कराई। जांच में आरोप सही पाए गए। डीएम ने प्रधान के अधिकार सीज कर दिए थे। प्रधान हाईकोर्ट चले गए। हाईकोर्ट ने सहायक सेवायोजन अधिकारी को जिला स्तरीय अधिकारी नही माना। हाईकोर्ट ने प्रधान को स्टे दे दिया। डीएम ने तुरंत ब्लॉक वार जांच टीमों की समीक्षा की। जांच टीमों में बदलाव कर दिया गया। सहायक सेवायोजन अधिकारी और क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी को जांच टीमों से दूर रखा गया है। क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी की जांच को भी कोर्ट में चुनौती दी गई थी। दोनों अधिकारियों के स्थान पर दूसरे अफसरों को जिम्मेदारी दी गई है। डीपीआरओ कमल किशोर ने बताया डीएम ने जांच पूरा करने के लिए समय तय कर दिया है। जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई के लिए संस्तुति के साथ डीएम को रिपोर्ट भेजी जाती है।।
बरेली से कपिल यादव