बरेली। तीन दिन तक हुई बारिश से बरेली जिले मे नदियां उफना गई है। शुक्रवार की दोपहर को उत्तराखंड के गोला बैराज से 75834 क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिससे किच्छा नदी मे बाढ़ आ गई है। शनिवार की दोपहर तीन बजे गोला बैराज से 16546 क्यूसेक पानी और छोड़ा गया। जिससे बहेड़ी तहसील के गांव रतनपुर नौडांडी, रजपुरा, रिछोली, सुकटिया, हरहरपुर, फाजलपुर, चाचेट,मौलाना फॉर्म, भाटिया फॉर्म, मुड़िया मुकरमपुर समेत दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। बाढ़ का पानी गांव से लेकर सड़कों तक बह रहा है। खेतों में गन्ना, धान की फसल के अलावा पशुओं का चारा जलमग्न हो गया। डूडा शुमाली गांव मे बनी राइस मिल के अंदर तक पानी भर गया। प्रशासन ने गांव में तैनात हल्का लेखपाल व बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों से लगातार नजर रखने के लिए कहा गया। एसडीएम ने गोला बैराज से पानी छोड़े जाने की सूचना पर नदी की तलहटी मे बने घरों को खाली कर दिया था। तहसीलदार भानू प्रताप ने शनिवार को शेरगढ़ क्षेत्र के गांव का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। देर शाम को एसडीएम और तहसीलदार ने संयुक्त रूप से मेगा फूड पार्क वह मुड़िया मुकरमपुर गांव का दौरा कर बाढ़ के हालात जाने। एसडीएम ने बताया कि अब नदी का पानी घटने लगा है। जिससे पानी जो नदी से निकला था, वापस हो रहा है। हालात खतरे से बाहर है। किसी तरह की जनहानि की कोई सूचना नही है। मीरगंज क्षेत्र की रामगंगा, भाखड़ा, पीलाखार, बहगुल और कुल्ली नदी में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। जगह-जगह कटान भी हो रहा है, जिससे किसानों की फसलें नदियों में समा रही हैं। शनिवार को तहसीलदार मीरगंज विशालकुमार शर्मा ने राजस्व निरीक्षक धनपाल तथा क्षेत्रीय लेखपाल लोकेंद्र सिंह के साथ जाकर नदी किनारे बसे गांव सुल्तानपुर, धर्मपुरा, मीरपुर, दुनका, बफरी अब्दुलनबीपुर, जुन्हाई आदि गांवों का निरीक्षण किया।।
बरेली से कपिल यादव