गुरु गोविंद सिंह जी की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक-परिहार

राजस्थान/सादड़ी- गुरु गोविंद सिंह जी ने राष्ट्रीय एकता व समरसता के लिए कार्य किया। उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। उक्त उदगार समाज सेवी ओमप्रकाश परिहार ने स्थानीय श्रीधनराज बदामिया राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय सादड़ी में आयोजित गुरुगोविन्द सिंह जयंती समारोह में व्यक्त किए।
परिहार ने कहा कि खालसा पंथ की स्थापना कर गुरु गोविंद सिंह ने राष्ट्र के लिए बलिदान देने वालो को तैयार किया। समारोह के अध्यक्ष विजय सिंह माली ने कहा कि सिक्ख धर्म के अनुयायियों का देश की एकता और अखंडता में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने दशमेश गुरु गोविंद सिंह जी के जीवन के प्रेरक प्रसंग सुनाए। माली ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए हर भारतीय को गुरु गोविंद सिंह बनना होगा।
गुरु गोविंद सिंह जी व सरस्वती की तस्वीर पर माल्यार्पण व दीप प्रज्वलन से प्रारम्भ हुए समारोह में विद्यालय की बालिकाओं ने गुरु गोविंद सिंह जी के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। पिता वारिए तथा कहीं पर्वत झुके भी है गीत सुनाकर भाव विभोर कर दिया। शिक्षकों ने भी प्रेरक प्रसंग सुनाए। इस अवसर पर भाषण निबंध चार्ट निर्माण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें प्रथम द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाली बालिकाओं को प्रधानाचार्य विजय सिंह माली वसमाज सेवी ओमप्रकाश परिहार ने सम्मानित किया।मंच संचालन प्रकाश सिसोदिया ने किया। इस अवसर पर स्नेह लता गोस्वामी प्रकाश परमार महावीर प्रसाद मधु गोस्वामी मनीषा ओझा कविता कंवर सुशीला सोनी शकुंतला जैन रमेश सिंह राजपुरोहित मोहनलाल वीरम राम चौधरी रमेश कुमार वछेटा सरस्वती पालीवाल नरेन्द्र बोहरा हरीश कुमार पुरोषतम समेत समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।
पत्रकार दिनेश लूणिया

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