बरेली। पुराना शहर मीरा पैट स्थित ठाकुर जी महाराज मंदिर मे हो रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन कथा व्यासा मुकेश मिश्रा ने कहा कि पूतना बन ठन के आयी तो उसे न अपने रूप का ज्ञान था और न ही ब्रह्मस्वरूप श्रीकृष्ण के स्वरूप का। इसके बाद भी वह श्रीकृष्ण के सम्मुख पहुंची तो भगवान ने उसे मुक्ति दी। कथा के दौरान लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि अघासुर, वकासुर का विनाश कर प्रभु ने ब्रजवासियों को माखन चोरी एवं ओखल बंधन के माध्यम से परमानंद की अनुभूति करवायी। कालिया मर्दन एवं चीर हरण की लीलाओं का विशद विवेचन किया। गिरिराज पूजन कर व्रजवासियों ने कृष्ण की ही पूजा को और इंद्र के मान का मर्दन किया। अंत में गिरिराज को छप्पन भोग लगाया गया। कथा के दौरान राजीव गुप्ता, गिरजा किशोर गुप्ता, शशि गुप्ता, कमलेश गुप्ता, सुनील शर्मा, संजू गुप्ता, पंकज गुप्ता, गौरव गुप्ता, ममता गुप्ता, मुरारी सहित सैकड़ों श्रोता रहे।।
बरेली से कपिल यादव