गांव से अस्पताल के बीच ईएमटी करेंगे चमकी मरीज की देखभाल

  • ग्लूकोज लेवल कम होने पर चढ़ाएंगे स्लाइन भी
  • डीआईईसी भवन में इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन के प्रशिक्षण की हुई शुरुआत

मुजफ्फरपुर/बिहार- चमकी से ग्रसित बच्चों को गांव से अस्पताल तक सुरक्षित लाने के लिहाज से गुरुवार से एम्बुलेंस इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन के चार दिवसीय प्रशिक्षण की शुरुआत हुई। इस प्रशिक्षण में केयर इंडिया तकनीकी सहयोग कर रही है। केयर इंडिया के डीटीएल मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि चमकी से ग्रसित बच्चों को सुरक्षित अस्पताल पहुंचना बहुत जरूरी है, जिसमें एंबुलेंस के ईएमटी मुख्य भूमिका निभाते हैं। अभी जिले में कुल 72 सरकारी एम्बुलेंस हैं। जिनमें लगभग 140 से ऊपर ईएमटी कार्यरत है। इन्हें बैच वाइज प्रशिक्षण केयर इंडिया की स्टेफनी प्रशिक्षित कर रही हैं। प्रशिक्षक स्टेफनी ने प्रशिक्षण के दौरान बताया कि एंबुलेंस में मौजूद ग्लूकोमीटर से ग्लूकोज लेवल मापने के बाद अगर 60 से कम है, तो उसे ग्लूकोज का स्लाइन चढ़ाना है अन्यथा नहीं। जहां प्रशिक्षण की शुरुआत करते हुए जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार ने कहा कि पिछले वर्षों की भूल से सबक लेते हुए सबसे पहले हमें अपने एम्बुलेंस सहित सभी उपकरण दुरुस्त रखने हैं, ताकि समय पर सभी उपकरण सही तरीके के साथ कार्य करें। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन की तरफ से भी गलती पर कड़ी कार्रवाई का आदेश है।

जीवन रक्षक प्रणाली से लैस है एंबुलेंस:

डॉ सतीश कुमार ने कहा कि जिले के सभी सरकारी एंबुलेंस जीवन रक्षक प्रणाली से लैस हैं। सभी का भौतिक सत्यापन भी कर लिया गया है। इसके अलावे एंबुलेंस में एक नेजल स्प्रे ऐसी भी है जिससे चमकी के प्रभाव को एंबुलेंस में ही कम किया जा सकता है। सभी एंबुलेंस चालकों को यह सख्त हिदायत है कि वे किसी भी सूरत में चमकी से ग्रसित बच्चे को प्राइवेट अस्पताल नहीं ले जाएगें। उन्हे सीधे नजदीकी प्राथमिक या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, एसकेएमसीएच या जिला अस्पताल लेकर आना है। प्रशिक्षण के दौरान जिला भीबीडीसी पदाधिकारी डॉ सतीश कुमार, भीबीडीओ पुरुषोत्तम कुमार, केयर इंडिया के नसीरूल होदा, स्टेफनी सहित अन्य लोग मौजूद थे।

– बिहार से नसीम रब्बानी

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