बरेली। जनपद के थाना इज्जतनगर क्षेत्र के गांव म्यूड़ी रानी मेवाकुंवर मे दहशत का पर्याय बने मगरमच्छ को ग्रामीणों ने पकड़ लिया। वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ को पकड़ने के लिए तालाब में जाल लगाया था। बुधवार को मगरमच्छ ऊपर आया। यह देख गांव के कुछ लड़कों ने सतर्कता दिखाते हुए जाल को खींच लिया, जिससे मगरमच्छ उसमें फंस गया। सूचना पर पहुंचे वनकर्मियों ने बताया कि मगरमच्छ को नदी मे छोड़ दिया जाएगा। ग्रामीणों के अनुसार गांव म्यूड़ी रानी मेवाकुंवर मे तीन माह पूर्व बहगुल नदी मे आई बाढ़ मे दो मगरमच्छ आबादी के बीच तालाब में पहुंच गए। 15 दिन पहले ग्रामीणों ने मगरमच्छ को तालाब के बाहर देखा तो दहशत में आ गए। इसकी सूचना पुलिस एवं वन विभाग को दी गई। मगरमच्छों को पकड़ने के लिए तालाब के पास जाल बिछाया गया। लेकिन मगरमच्छ उसमें नही फंसे। वन दरोगा योगिता कौशल, वन रक्षक दीपक भारद्वाज गांव में निगरानी कर थे। बुधवार को दोनों वन कर्मियों की ड्यूटी दूसरे स्थान पर लगी थी। इसी दौरान एक मगरमच्छ जाल के ऊपर आकर बैठ गया। तालाब के पड़ोस में रहने वाली विमला देवी की नजर उस पर पड़ी। उन्होंने तुरंत बच्चों को बताया। प्रधान शैलेंद्र प्रताप सिंह को भी सूचना दी गई। गांव के ही दीपांशु पटेल, गौरव पटेल, राहुल पटेल, अमित पटेल ने हिम्मत दिखाते हुए जाल की रस्सियां खींच ली। जिससे मगरमच्छ जाल में फंस गया। ग्रामीणों की सूचना पर पहुंचे वन विभाग की दरोगा योगिता कौशन व अन्य कर्मियों ने मगरमच्छ को कब्जे में लिया। अधिकारियों के मुताबिक मगरमच्छ को रिहायश से दूर नदी में छोड़ा जाएगा। ग्रामीणों के मुताबिक इस दौरान वन विभाग की ओर से सिर्फ जाल भेजा गया था। मगरमच्छ को पकड़ने के लिए सुबह से लगे ग्रामीण जमा थे। करीब एक बजे मगरमच्छ को पकड़ लिया। लेकिन अभी भी एक और मगरमच्छ के मौजूद होने से गांव मे दशहत का माहौल बरकार है।।
बरेली से कपिल यादव