उत्तराखंड- कार्बेट नेशनल पार्क की सीमा के भीतर बसे तैड़िया गांव के ग्रामीणों के प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने गुरुद्वारा रकाबगंज रोड नयी दिल्ली स्थित राज्य सभा सांसद अनिल बलूनी को तीस साल से रुके गांव के विकास में बाधक वनविभाग/वन्य जीव अधिनियमों के बावत् गांव की दुर्दशा की जानकारी दी।इस संबंध में अनिल बलूनी द्वारा निदेशक कार्बेट नेशनल पार्क को दूरभाष से गांव की समस्याओं के समाधान के लिए निर्देशित किया गया। ग्रामीणों ने बताया कि यदि अब तक कुछ प्रयास किया जाता तो आज गांव पर्यटन् ग्राम रूप में विकसित होता,अन्यथा विस्थापन ही सरकार/वन प्रशासन व ग्रामीणों के सामंजस्य की सही मंशानुरूप होता तो नयी जगह भी नयी पीढ़ी के अनुरूप होती।वर्ष १९९२ से चल रही वनविभाग की हीलाहवाली के कारण आज गांव के निवसित चालीस परिवार विकास की गुमशुदगी के अंधेरे में बमुश्किल मात्र जी रहे हैं जहां आजीविका तो दूभर हो ही चुकी है वहीं सुरक्षा के लिए भी मोहताज हैं। प्रतिनिधिमंडल में डा . अम्बिका प्रसाद ध्यानी,बी के ध्यानी एवं शिवचरण ध्यानी शामिल रहे।