झांसीl जनपद के उन्नाव गेट के पास रहने वाले नत्थू कोष्ठा “खेमचन्द्र” जो जवानी में भुने चने बेचकर अपना तथा अपनी पत्नी का पेट भरते थे। किंतु गरीबी ने उन्हें ऐसा जकड़ा कि वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठे। अत्यधिक बीमार हो गए और परिवार भुखमरी की कगार पर आ गया।
तब उनकी अर्धांगिनी ने उनका सहारा बनकर लोगों के घरों में झाड़ू बर्तन कर अपने पति का इलाज कराना प्रारंभ कर दिया, और जो बचा उससे पेट भराl कोई औलाद ना होने के कारण बेचारे पति-पत्नी एक दूसरे का सहारा हैं। किंतु लोगों के घरों में काम करने के कारण पत्नी अपने बीमार पति की ठीक से देखभाल नहीं कर पा रही है। क्योंकि यदि वह बेचारी कमाएगी नहीं तो अपने पति का इलाज कैसे करा पाएगी। इसलिए पति की हालत अत्यधिक खराब होती जा रही थी। अभी 2 दिन पहले उन्नाव गेट निवासी राहुल कोष्टा ने ललितपुर पुलिस के सिपाही जितेंद्र यादव को फोन कर इस परिवार के बारे में जानकारी दी।
जिसके उपरांत उम्मीद रोशनी की समाजसेवी संस्था सदस्यों एवं पुलिस सिपाही के सहयोग से आज उन बाबा जी को महारानी लक्ष्मी बाई मेडिकल कॉलेज लाया गया और डॉक्टर अरविंद कनकने को दिखाया गया। संस्था के सदस्यों और पुलिस सिपाही ने दवाइयों का प्रबंध किया। इसके उपरांत परिवार को भोजन के लिए राशन की व्यवस्था की गई।
संस्था का निवेदन है कि झांसी के नागरिक ऐसे परिवारों की मदद के लिए आगे आएं। जिससे ऐसे गरीब परिवारों के हालात सुधर सकें। इस सराहनीय कार्य में पुलिस सिपाही जितेंद्र यादव, राहुल कोष्ठा, रफत उल्ला जी “पैथोलॉजी डिपार्ट” एवं योगेश तिवारी जी का विशेष सहयोग रहा।
रिपोर्ट: उदय नारायण कुशवाहा (झांसी)